असम चाय के २०० वर्ष पूरे होने के महत्वपूर्ण अवसर पर, टी बोर्ड इंडिया ने एक रोड शो सह बी2सी अभियान का आयोजन किया। रवीन्द्र जयसवाल, स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री ने अस्सी घाट पर इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया उपस्थित अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया। सम्मानित लोगों के बीच असम चाय के मनमोहक और विविध स्वाद परोसने के लिए एक विशेष रूप से सजाई गई वैन वाराणसी के पवित्र शहर में १४ स्थानों पर घूमेगी।
आज भारत में "चाय" सिर्फ कप तक ही सीमित नहीं रह गई है। यह अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा भी है और लोगों के जीवन में भी गहराई से बसा हुआ है और उनके सांस्कृतिक लोकाचार और आतिथ्य का एक हिस्सा है।
चाय उद्योग असम के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसकी अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। असम में चाय क्षेत्र सबसे बड़ा है विश्व में निकटवर्ती चाय उत्पादक क्षेत्र और यह विश्व में सबसे बड़े चाय उत्पादक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश के कुल चाय उत्पादन का लगभग ५२ प्रतिशत उत्पादन करता है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों, थोक विक्रेताओं, खुदरा दुकानों, निर्यातकों और बच्चों और युवाओं सहित आम जनता के बीच पारंपरिक चाय संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, टी बोर्ड इंडिया पवित्र शहर वाराणसी में इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस प्रचार गतिविधि से बड़ी संख्या में चाय किसानों और उत्पादकों को लाभहोगा ताकि वे अपनी जीवन शैली में सुधार के लिए अपनी आजीविका बढ़ा सकें और कई अन्य लोग उन पर निर्भर हों। वही इस अवसर पर असम के लोक परंपरा से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसमें लोकगीत सहित बिहू नृत्य की सुंदर प्रस्तुति की गयी।