उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह सूचना दी गई थी कि वाराणसी रजिस्ट्री कार्यालय में रामनगर के 22 गांव व मोहल्ले हैं जो अपनी रजिस्ट्री का काम रामनगर तहसील से भी कर सकते हैं। इसके विपक्ष में मुखर होकर वाराणसी कचहरी के अधिवक्ता ने अपना विरोध जताया था यही नहीं इस विरोध प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल से भी अधिवक्ताओं ने बात करने की कोशिश की थी हुआ यह कि अधिवक्ताओं के बीच दो गुट अलग-अलग बटे हुए नजर आ रहे हैं। एक गुट का मानना है कि कचहरी परिसर में होने वाली भीड़ को कम करने के लिए यह विकल्प अच्छा विकल्प है वहीं दूसरे अधिवक्ताओं का मानना है यह जो निर्णय है उत्तर प्रदेश सरकार ली ने लिया है या उचित नहीं है।
इसी के तहत गुरुवार को अधिवक्ताओं ने वाराणसी रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचकर रजिस्ट्री कार्यालय को बंद करने का प्रयास किया जिसमें अधिकारियों ने अधिवक्ताओं को उग्र होता देखकर रजिस्ट्री कार्यालय में ताला बंद कर दिया और काम पूरा ठप हो गया जिसकी वजह से अधिकारियों का मानना है कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। दरअसल जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तरह की सूचना रजिस्ट्री कार्यालय में दी है तब से लगातार 6 दिनों से अधिवक्ता धरने पर बैठे हैं। अधिवक्ताओं का मानना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हम धरने से हटने वाले नहीं हैं। धीरेंद्र कुमार सैनी सहायक आयुक्त स्टांप का कहना है कि काम सुचारू रूप से 12:00 दोपहर तक चला है जिसके बाद कुछ लोगों के हंगामा करने की वजह से स्टांप कार्यालय को बंद कर दिया गया है वहीं उत्तर प्रदेश सरकार को कहीं ना कहीं राजस्व का नुकसान हो रहा है जो लोग रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्री कार्यालय आए थे उन्हें भी बाहर निकाल दिया गया है। फिलहाल अभी काम बंद है आगे आला अधिकारियों से बात करके यह तय किया जाएगा कि स्टांप कार्यालय कब तक खोला जा सकता है।