कालाष्टमी पर जग कल्याण की कामना के साथ बाबा कपाल भैरव का हुआ पूजन अर्चन और यज्ञ अनुष्ठान

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कज्जाकपुरा स्थित श्री कपाल भैरव मंदिर में अनुष्ठान का आयोजन किया गया। जग कल्याण की कामना से श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंधक समिति के तत्वावधान में पूजन अर्चन व यज्ञ का आयोजन हुआ। पुराणोक्त कथानुसार बाबा श्री लाट भैरव काशी के न्यायाधीश है तथा मंदिर प्रांगण में बने आठ चौकियों पर वह स्वयं अष्ट भैरव सहित सुनवाई करते हैं। 

बाबा श्री कपाल भैरव सहित अष्ट भैरव जिनमे असितांग भैरव, रुरु भैरव, चण्ड भैरव, क्रोधन भैरव, उन्मत्त भैरव, भीषण भैरव, संहार भैरव के साथ साथ मां काली, हनुमान जी का श्रृंगार कर भोग प्रसाद अर्पित किया गया। ज्ञातव्य हो कि प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी कहते है। माह के दोनों ही अष्टमी तिथि को रात्रि में भैरव पूजन का शास्त्रोक्त विधान है। पं. रविंद्र त्रिपाठी के आचार्यत्व में अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। मध्य रात्रि तक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ-साथ यज्ञ में साकला, कारन, घी आदि की आहुतियों का क्रम चलता रहा। पूजन सम्पन्न होने के उपरांत विधिवत घण्ट-घड़ियाल की ध्वनियों डमरू नाद के साथ आरती उतारी गईं।भक्तों ने हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मन्दिर परिसर गुंजायमान हो उठा। अनुष्ठान में प्रमुख रूप से मुन्ना लाल यादव, कृष्णा, ओमप्रकाश, शिवम त्रिपाठी, मंदीप, संजय इत्यादि उपस्थित रहें।

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