चैत्र नवरात्र की अष्टमी पर मान्यता अनुसार माता अन्नपूर्णेश्वरी के दरबार में भक्तों ने नवाया शीश, श्रद्धापूर्वक की गई 108 बार परिक्रमा

चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन श्रद्धालुओं का सैलाब महागौरी रूप में विराजमान माता अन्नपूर्णा के दरबार में उमड़ पड़ा। काशी मे माता का मंदिर विश्वनाथ मंदिर मे स्थित है। जहां अल सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार माता के दर्शन हेतु लगी रही । नवरात्र के आठवें दिन महागौरी स्वरूपा माता अन्नपर्णा के दर्शन का विधान है। माता अन्नपूर्णा धन-धान्य की देवी हैं। आज के दिन श्रद्धा पूर्वक भक्त माता के 11 या 108 फेरी भी लगाते हैं जिसके लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। 

भक्तों ने माता को अड़हुल व गुलाब की माला, श्रृंगार का समान, आदि अर्पित कर धन धान्य की कामना की। दुर्गा सप्तशती में वर्णन आता है कि शुंभ निशुंभ से पराजित होकर गंगा के तट पर देवताओं ने जिस देवी की प्रार्थना की थी वह महागौरी ही थीं। देवी गौरी के अंश से ही कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ निशुंभ के आतंक से देवों को मुक्ति दिलाई।

मां अन्नपूर्णा का मंदिर वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप ही स्थित है। मां की कृपा से कोई भूखा नहीं सोता। कहा जाता है कि माता के दर्शन-पूजन से भक्त कभी दरिद्र नहीं होते हैं और मां की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है। 

कहते हैं कि देवी की आराधना से व्यक्ति के समस्त प्रकार के अमंगलों का क्षय हो जाता है। अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी जी महाराज ने आज के दर्शन पूजन के महत्व को विस्तार से बताया। 


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