बीएचयू के विजुअल आर्ट के छात्र ने बनायी मां दुर्गा की 41 फिट की फोक पेंटिंग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विजुअल आर्ट के छात्र गोल्ड मेडलिस्ट सतीश पटेल ने एक ही रात में 41फिट लंबी फोक आर्ट पेंटिंग बनाई। हाल ही में बनारस घाट की सबसे बढ़ी पेंटिंग बनाने के बाद बीएचयू गोल्ड मेडलिस्ट सतीश कुमार पटेल ने यह कारनामा सिद्ध कर दिखाया है। 

उन्हों ने बताया कि यह चित्र कागज पर जलरंग,ब्रश की मदद से तैयार किया गया है। इस पेंटिंग में भारतीय पौराणिक चित्रों को दर्शाया है,जैसे सरस्वती,गणेश,लक्ष्मी ,दुर्गा,काली,रामायण, राधा कृष्ण आदि। जिसकी लंबाई 41फीट , चौड़ाई 4.41फीट है। सतीश ने बताया कि इससे पहले फोक आर्ट dedicated to people” ग्रुप के 35लोगो ने मिलकर 35फिट लंबा 3फीट चौड़ा था । सतीश एक किसान परिवार से हैं।यह तीन भाई है जिनमे से यह सबसे छोटे है। उनकी यह अब तक की सबसे बड़ी तीसरी पेंटिंग बन चुकी है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी,(डिजिटल डाक ) राम मन्दिर अयोध्या, आईआईटी बीएचयू का सिक्के का डिजाइन बना चुके हैं । 

वहीं दूसरी तरफ भी इन्होंने एक कारनामा किया है पेंटिंग पर

सतीश कुमार पटेल कागज के 32टुकड़ों को जोड़ कर बनारस घाट का सबसे बड़ी पेंटिंग बनाया है। यह उनकी सबसे बडी दूसरी पेंटिंग है। इसके पहले वह बीएचयू पर आधारित सबसे बड़ी पेंटिंग बनाए हैं। सतीश ने बताए की सबसे पहले कागज के टुकड़े को आपस में गोद से चिपक फिर टेप लगाए हैं। फिर उसमे अस्सी घाट, पंचगंगा घाट,रीवा घाट, भैदानी घाट, चेटशिंग घाट, हरिश्चंद्र घाट , करवट काशी, दशाश्वमेध घाट से लेकर आगे तक के घाट भी ब्लैक कलर से बनाए हैं। 

जिसको बनाने में 22घंटे का समय लगा है।मां दुर्गा की सबसे बड़ी मंडला कला पेंटिंग बनाने का रिकॉर्ड सतीश कुमार पटेल ने बनाया है। जिसमे कागज के 4टुकड़ों को आपस मे जोड़कर 6.8फीट लंबा और 4.3 इंच चौड़ा पेपर पर ब्लैक कलर, ब्रश की मदद से यह कायम हासिल किया है। सतीश ने बताया कि मंडला आर्ट में इससे पहले पश्चिम बंगाल की सुनंदा मिद्या ने 5.67 फीट x 3 फीट में बनाई थी मंडला आर्ट बहुत ज्यादा बारीकी,अलंकरण का आर्ट होता है । जिसमे बहुत पेसेंस की जरूरत पड़ती है। सतीश की रिकार्ड में आने वाली अब तक की चौथी सबसे बड़ी पेंटिंग है।

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