माता गौरी के तृतीय स्वरूप के रूप में नवरात्र की तृतीया तिथि पर माता सौभाग्य गौरी के दर्शन के लिए उमड़ा हुजूम

नवरात्र की तृतीया तिथि पर मां गौरी के तीसरे स्वरूप के रूप में माता सौभाग्य गौरी के दर्शन का विधान है। काशी मे माँ सौभाग्य गौरी का विग्रह विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी स्थित सत्यनारायण मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित है।ऐसी मान्यता है कि देवी के इस स्वरूप के दर्शन से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है। कहते हैं 108 दिन लगातार देवी के दर्शन से मनोरथ अवश्य पूर्ण होता है। 

श्रद्धालुओं को अखंड सौभाग्य और सुख प्रदान करने वाली माता सौभाग्य गौरी मानी जाती हैं। उनके दर्शन मात्र से मानव जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है और जीवन सफल हो जाता है। नवरात्रि की तृतीया तिथि पर मां के दर्शन की मान्यता है ऐसे में सुबह से ही भक्तों के मंदिर पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया।

कतार में लगे श्रद्धालुओं ने मां के अद्भुत स्वरूप का दर्शन पूजन कर उनसे आशीर्वाद मांगा भक्तों ने मां को माला फूल नारियल चुनरी इत्यादि अर्पित किया और उनके चरणों में शीश नवाया इस अवसर पर मां की अलौकिक झांकी सजाई गई इसके साथ ही पूरे मंदिर प्रांगण की भी आकर्षक सजावट की गई थी सुबह से देर रात्रि तक भक्तों के पहुंचने का क्रम जारी रहा और सभी ने क्रमबद्ध होकर मां का आशीर्वाद लिया।

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