चैत्र नवरात्र के पांचवे दिन मां गौरी के पांचवें स्वरूप माता विशालाक्षी गौरी का हुआ पूजन, माँ के दर्शन मात्र से मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण

काशी में चैत्र नवरात्र पर नौ गौरी के दर्शन और पूजन का विधान है। मंदिरों के शहर काशी में जहां नौ दुर्गा विराजती हैं, वहीं नौ गौरी के मंदिर भी भक्तों की आस्था से प्रतिध्वनित होते रहे हैं। चैत्र नवरात्र में नौ गौरी के दर्शन का अपना ही महत्व है । मां महागौरी के दर्शन पूजन के क्रम में पांचवें स्वरूप में माँ विशालाक्षी गौरी का दर्शन-पूजन होता है। देवी के इस स्वरूप का विग्रह मीरघाट क्षेत्र में धर्मकूप इलाके में स्थित है। 

मीर घाट पर स्थित माता विशालाक्षी देवी मंदिर जिसे एक शक्तिपीठ के रूप में भी माना जाता है , वहां हजारों की संख्या में भक्तों ने चैत्र नवरात्र के पांचवे दिन दर्शन पूजन किया। इस दौरान भक्तों की लंबी कतार लगी रही भक्तों ने मां को नारियल चुनरी माला फूल इत्यादि अर्पित किया और सुख समृद्धि की कामना की ।  कहा जाता है कि काशी का निर्माण ही माता विशालाक्षी के लिए भगवान शिव ने किया था।मान्यता है कि माता विशालाक्षी के दर्शन पूजन से जो कुंवारी कन्याएं हैं और उनका विवाह नहीं हो रहा है तो माता के दर्शन से उनका विवाह हो जाता है। वही जिन महिलाओं के संतान नहीं होते उनकी मनोकामनाएं भी यहां पूर्ण होती है। मंदिर के महंत ने बताया कि विशालाक्षी मंदिर में माता को श्रृंगार का सामान भी चढ़ाया जाता है।

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