लापता अधिवक्ता ने अपने अपहरण की खुद रची थी कहानी, बैंकों से लिए गए लोन के टूट रही किश्त से था परेशान

मंडुवाडीह थानाक्षेत्र के लखनपुर निवासी अपहृत अधिवक्ता सुरेंद्र पटेल को सोमवार रात पुलिस ने प्रयागराज से बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि उसने अपने अपहरण की कहानी खुद रची थी और खुद ही गायब हो गया। पुलिस की टीम सर्विलांस लोकेशन मिलने के बाद वाराणसी से टीम प्रयागराज पहुंची और स्थानीय पुलिस के साथ एक घर से उसे सकुशल बरामद किया। इसके बाद देर रात 2 बजे अधिवक्ता को लेकर टीम बनारस पहुंची और परिजनों को भी इसकी सूचना दी गई।

सुरेन्द्र पटेल ने बताया कि उसने कई बैंकों से लोन लिया था, जिसकी किस्त टूट रही थी। बैंकों द्वारा बार-बार फोन किया जा रहा था, जिससे तंग आकर उसने बैंकों का नम्बर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद बैंक ने नए-नए नंम्बरों से फोन करना शुरू हो गया। 3 दिन में फिर परेशान होकर उसने अपना सिम बंद कर नया फोन और नया सिम ले लिया। वकील ने पुलिस को बताया कि बैंक से लगातार फोन आने और उससे निजात पाने के लिए उसने एक प्लान बनाया। 27 मार्च को अपने बाइक से 11.00 बजे घर से निकला। योजना के तहत अपनी बाईक को गेट नंबर 4 फुलवरिया के पास बाइक खड़ी कर दी। इसके बाद अपने भाई के नंबर पर मैसेज किया और फोन स्विच ऑफ कर लिया। वहां से पटरी से होते हुए कैंट स्टेशन पहुंचा और स्टेशन पर खड़ी एक ट्रेन में बैठ गया। उसने स्टेशन पर मुंबई का टिकट लिया और मुंबई जाने वाली ट्रेन को बदल दिया। ट्रेन पकड़कर बिजनौर हरियाणा गुजरात होते हुए मुम्बई पहुंच गया।उसने बताया कि 29 मार्च को गुजरात पहुंचा और उसके बाद 4 अप्रैल को नया फोन ऑन किया। वहां कुछ दिन रुकने के बाद हरियाणा, पंजाब व मुम्बई गया। 14 अप्रैल तक मुंबई में रहा फिर वहां से निकल कर 14 अप्रैल की रात को मध्य प्रदेश पहुंच गया। मध्य प्रदेश में नया मोबाइल बंद कर पुराना मोबाइल ऑन किया तो पुलिस के सर्विलांस सेल में लोकेशन मिली। पुलिस ने बताया कि उसके एन नंबर पर फोन किया तो फोन फिर स्विच मिला जिसके बाद उसकी बरामदगी के लिए महाराष्ट्र व ग्वालियर के लिए टीमें रवाना की गई। तीसरी टीम में सर्विलांस, एसओजी व थाना मडुवाडीह तकनीकी निगरानी से लगातार दोनों नंबरों को ट्रेस कर रही थी। इसके बाद जबलपुर मध्य प्रदेश से आ रही ट्रेन से सुरेंद्र पटेल प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां पहले से मौजूद पुलिस ने बरामद कर लिया।बता दें कि सुरेंद्र पटेल अधिवक्ता 27 मार्च को कचहरी के लिए निकले। दोपहर में 1.29 बजे उनके नंबर से बड़े भाई राजेंद्र पटेल के मोबाइल पर मैसेज आया, ‘बचाओ, मैं 4 नंबर गेट पर हूं। इसके बाद से अधिवक्ता का कोई सुराग नहीं मिला। उनके मोबाइल का अंतिम लोकेशन कोइराजपुर में मिला था। पुलिस को सूचना दर्ज कराई और तलाश शुरू की लेकिन सुराग न मिलने पर साथी वकीलों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर गुहार लगाई। सीएम की एंट्री के बाद पुलिस सक्रिय हुई तो पुलिस आयुक्त भी पीड़ित परिवार से मिले।

शेयर मार्केट में गवांए थे 6 लाख 

पुलिस की माने तो लखनपुर, भुल्लनपुर निवासी अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पटेल ने अलग-अलग बैंक से लोन लिए हुए लगभग छह लाख रुपए शेयर मार्केट में गंवा दिए थे। इसके बाद उसे कुछ नहीं सूझा तो वह अपने अपहरण की झूठी कहानी रच कर गायब हो गया।

इन दिनों में यूपी, बिहार, दिल्ली समेत कई शहरों में अपने मित्रों और प्रयागराज में एक करीबी के घर पर ठिकाना बनाए था। जाने के बाद वह अपना मोबाइल बंद कर लिया था लेकिन पुलिस ने जब उसकी CDR खंगाली हर दिन आने वाले एक नंबर से इन दिनों फोन आना बंद हो गया था।एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्र और मंडुवाडीह थानाध्यक्ष भरत उपाध्याय की टीम ने सुरेंद्र को प्रयागराज में चिन्हित कर पकड़ लिया। गायब होने की वजह के बारे में पूछताछ के बाद लापता होने के 20 वें दिन बनारस लाया गया।

8000 लेकर निकला था मंदिरों में गुजारी रात

वकील सुरेंद्र पटेल केवल ₹8000 लेकर निकला था। उसने जनरल टिकट लेकर ही ट्रेन में मुंबई गुजरात तक का सफर किया। इस दौरान उसने मंदिर और आश्रमों में रात गुजारी स्टेशन पर भी सोया। सुरेंद्र पटेल ने बताया कभी लंगर में तो मंदिर के बाहर भंडारे में खाना खाया। जो पैसा था जब वह खर्च हो गया तो नौकरी की तलाश की। मगर पास में सर्टिफिकेट नहीं होने के कारण नौकरी नहीं मिल सकी। उसके बाद प्रयागराज में एक मित्र के यहां जाने के लिए सतना से निकला था तब तक पुलिस ने दबोच लिया।आरोपी पर अभी बैंक का 4.50 लाख रुपए लोन सामने आया है, इसके अलावा भी लिए गए कर्ज की जांच की जा रही है।


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