मृतक सफाई कर्मी के बैंक अकाउंट में पैसा न होने पर मुआवजे का चेक सुपरवाइजर ने वापस लिया, बेसहारा पत्नी के पास न मुआवजे का पैसा है न चेक

चंदा और उनके बच्चों का सहारा अब इस दुनिया में नहीं है। चंदा देवी उसी घूरे लाल की पत्नी है, जिसकी शुक्रवार को भैसासुर घाट पर सीवर में जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई। चंदा मछोदरी स्थित मलिन बस्ती में अपने पति के साथ रहती थी। एक कमरे के मकान में 4 बच्चों के साथ यह परिवार हंसी-ख़ुशी रह रहा था, पर परिवार के लिए रोटी कमाने वाले घूरे लाल की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया। वाराणसी के डीएम ने मजिस्ट्रेटियल जांच शुरू कराई। आनन-फानन में कार्यदायी संस्था ने 10 लाख के मुआवजे का चेक भी जारी कर दिया। मृतक की पत्नी शनिवार को चेक लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में गई।

जहां उनसे बैंक मैनेजर ने बताया कि इस अकाउंट नंबर में काफी दिनों से पैसा ही नहीं रखा गया है। इसके बाद महिला ने ठेकेदार के आदमी को फोन किया तो उसने कहा कि सोमवार को 2 बजे आना पैसा मिल जाएगा। मृतक की पत्नी को जो चेक कार्यदायी की संस्था की तरफ से दिया गया उसे भी सुपरवाइजर ने वापस ले लिया। पति की मौत के 4 दिन बाद उसके हाथ में न मुआवजे का पैसा है न चेक है। सिर्फ उस कंपनी के एक कर्मचारी का दिया हुआ भरोसा है, जिसने पैसे मिलने की बात कही है।

25 साल से ज्यादा से कर रहे थे सीवर सफाई का काम 

चंदा ने बताया कि 25 साल हो गए शादी को। सब कुछ ठीक था। हमारा परिवार हसी-खुशी रह रहा था। चार बच्चों का कैसे करेंगे पालन, हमें कभी मिले कोई जॉब चंदा के बड़े बेटे आजाद (18) की एक्सीडेंट की वजह से साल भर पहले मौत हो चुकी है। पति की मौत के बाद अब चंदा के ऊपर अपने 4 बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गई है। चंदा के चार बच्चे रूबी (14), चंद्रशेखर (12), शिवानी (11) और आकाश (10) है। चंदा ने कहा कि अब इनका पालन कौन करेगा। मेरे अलावा इनका कोई नहीं है। अभी रिश्तेदार आए हुए हैं। उनका पालन-पोषण कैसे होगा यही सोचकर मन बेचैन है। बस सभी साहब लोगों से यही मांग है कि हमे कोई नौकरी दे दी जाए ताकि हम अपने बच्चों को पढ़ा लिखा सकें।

Post a Comment

Previous Post Next Post