शहर के आठ बिल्डर्स पर दशाश्वमेध थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। बिल्डर्स पर भवन स्वामी को विश्वास में लिए बगैर गलत तरीके से फ्लैट की बिक्री का आरोप है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। काजीपुरा कलां, देहलू गली, कोदई चौकी निवासी जफर इकबाल की तहरीर पर बिल्डर्स मेसर्स जायमा डेवलपर्स के तीन पार्टनर सहित आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर धोखाधड़ी और कूटरचना सहित अन्य आरोप हैं।
जफर इकबाल ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि वे छोटे भाई नदीम इकबाल के साथ रहते हैं। दोनों भाइयों ने अपने मकान का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट औरंगाबाद के मसूद अख्तर, शेख सलीम फाटक के हारिस रजबी और माताकुंड के नैय्यर इस्लाम से किया था। रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में 30 महीने का समय तय किया गया। इस अवधि में पूरी बिल्डिंग का निर्माण वीडीए के मानक के अनुसार करना था। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से तय किया था कि 40 फ्लैट बनेंगे, इसमें से 24 बिल्डर और 16 मकान मालिक को मिलेंगे। जफर इकबाल ने बताया कि समय बीतने के साथ ही तीनों बिल्डर की नीयत खराब हो गई। तीनों ने गया के सादिक खान वारिस के साथ साजिश करके बिल्डिंग के प्रथम तल का फ्लैट रजा कॉलोनी, मकबूल आलम रोड निवासी नदीम अहमद को बैनामा कर दिया। तीन अन्य फ्लैट लल्लापुरा के आसिफ व अलीम चौधरी को बैनामा कर दिया। इसी तरह से पटेल नगर, राजा बाजार, नदेसर की रजिया नसरीन को भी एक फ्लैट रजिस्टर्ड सट्टा कर दिया। इस तरह से तीनों बिल्डर सहित आठों लोगों ने साजिश रच कर भवन स्वामी की बगैर स्वीकृति के अवैध तरीके से खरीद-बिक्री का गलत काम किया।