छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीएचयू के धरनारत कार्डियोलॉजिस्ट प्रो. ओमशंकर से की मुलाकात, दिया समर्थन

वाराणसी पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने BHU के धरनारत कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर ओमशंकर से मुलाकात की। करीब आधे घंटे की मुलाकात में भूपेश बघेल ने प्रो. ओमशंकर को समर्थन दिया। ये भी भरोसा दिलाया कि सरकार के खिलाफ विपक्ष इस मुद्दे पर मुखर होगा।भूपेश बघेल ने कहा कि BHU अस्पताल की स्थिति बेहद दयनीय है। इसके साथ ही, भूपेश बघेल जी ने BHU के छात्रों से भी मुलाकात की। इस दौरान छात्रों ने उन्हें विश्वविद्यालय में लगातार हरे पेड़ों की कटाई, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और छात्रों को वैचारिक आधार पर निशाना बनाए जाने के मसले से भी अवगत कराया। छात्रों की इस बात पर उन्होंने सरकार आते ही इन विषयों को प्राथमिकता देने की बात कही।

बीते 18 दिनों से अपने चेंबर में आमरण अनशन पर बैठे प्रो. ओमशंकर को खूब समर्थन मिल रहे हैं। भूपेश बघेल के अलावा, महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी मुलाकात की थी। BHU प्रशासन के रवैये को लेकर भी कई सवाल खड़े किए। कहा कि ये लड़ाई लंबी चलेगी और प्रो. ओमशंकर अपने मकसद में काफी हद तक कामयाब भी हो गए हैं।प्रो. ओमशंकर कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों के बेड बढ़ाने और सर सुंदरलाल अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को पद से हटाने की मांग पर अड़े हैं। आमरण अनशन के चलते BHU के कुलपति ने इन्हें विभागाध्यक्ष पद से भी हटा दिया है। प्रो. ओमशंकर की मांग है कि सर सुंदर लाल अस्पताल में नई बिल्डिंग सुपर स्पेश्यालिटी ब्लॉक का पूरा पांचवां फ्लोर और आधा चौथा तल कार्डियोलॉजी विभाग को दिया जाए। क्योंकि वो 2 साल से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं और जांच कमेटी ने अपनी अनुशंसा में भी इस बात को कहा है। इसे IMS-BHU के डायरेक्टर ने भी माना था।

प्रो. ओमशंकर से मिलने पहुंचे गांधी जी प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि प्रो. ओमशंकर का ये केवल विरोध करने वाला आंदोलन नहीं, बल्कि नवरचना करने का जो बापू महात्मा गांधी की रचनात्मक कार्य की एक प्रणाली थी। राष्ट्र निर्माण के लिए ये आंदोलन कर रहे हैं। ये लड़ाई बहुत लंबी लड़नी है। इसलिए, अपनी शक्तियों को बचाकर रखनी होगी। प्रो. ओमशंकर अपनी लड़ाई में काफी सफल हो गए हैं। ये लड़ाई बहुत जरूरी है। इस मुल्क में इस आंदोलन को फैलाने की काफी जरूरत है। मैं भी अपने लोगों के साथ इस आंदोलन को समर्थन देने आया हूं।

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