बुद्ध पूर्णिमा पर 'स्त्री विमर्श और गौतम बुद्ध' विषय पर हुआ व्याख्यान

वैसाख पूर्णिमा, बौद्ध धर्म की अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। गौतम बुद्ध के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटनाएं इस दिवस में घटित हुई थी। बौद्ध परम्परा के अनुसार उनका जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण वैसाख पूर्णिमा को घटित हुई थी। प्रारंभ में गौतम बुद्ध बौद्ध संघ में महिलाओं के प्रवेश पक्ष में नहीं दिखाई देते हैं पर कालांतर में उन्होंने कुछ शर्तों के साथ महिलाओं को संघ में प्रवेश की अनुमति दी और महिलाओ ने धर्म और संघ के संचालन और अन्य क्रिया कलापों में सक्रिय भूमिका निभाया। 

बौद्ध परंपरा के ग्रंथों से सभी वर्गों की स्त्रियों की सहभागिता के प्रमाण मिलते हैं। यह बात डा. अर्चना शर्मा सह आचार्य, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई वाराणसी, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्त्व विभाग और लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय रामनगर वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "स्त्री विमर्श और गौतम बुद्ध" विषयक व्याख्यान के दौरान कहा। इस अवसर पर आयोजित "भारत के प्रमुख बौद्ध स्थलों" पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।

प्रदर्शनी में लुंबिनी, कपिलवस्तु, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, वैशाली, राजगीर, श्रावस्ती, संकिशा, कौशांबी, सांची, लौरियानंदनगढ़, लौरियाअरेराज व अन्य स्थलों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं वक्ता डा. अर्चना शर्मा, विशिष्ट अतिथि डा.राजेश कुमार गौतम निदेशक, आकाशवाणी व दूरदर्शन केंद्र, वाराणसी, अदिति गुलाटी, उपनिदेशक, लिटिल फ्लावर हाउस शिक्षण समूह तथा क्षेत्रीय पुरातत्त्व अधिकारी वाराणसी क्षेत्र डा. सुभाष चन्द्र यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय पुरातत्त्व अधिकारी वाराणसी डा.सुभाष चन्द्र यादव ने संचालन, डा.सुजीत कुमार चौबे ने किया। इस अवसर पर डा. स्वतंत्र कुमार सिंह, डा. राजीव जायसवाल, डा. हरेंद्र नारायण सिंह, शरद उपाध्याय, देवेश कुमार, डा. प्रज्ञा श्रीवास्तव, विनय कुमार मौर्य, बीरेंद्र मौर्य, शशिभान सिंह कश्यप, प्रशांत राय, साधना मौर्य, अरविंद मिश्रा, वंदना गुप्ता, कुमार आनन्द पाल, पंचबहादुर, प्रदीप, मनोज कुमार, सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यह प्रदर्शनी आगामी 30 मई, 2024 तक आम दर्शकों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

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