महाकवि सूरदास जयंती पर भारत भारतीय परिषद द्वारा वार्षिक पत्रिका 'प्रेरणा' का किया गया लोकार्पण

भारत भारती परिषद उ.प्र. के तत्वावधान में पराड़कर स्मृति भवन में कृष्णभक्ति शाखा के महाकवि सूरदास जी की जयंती पर संस्था द्वारा वार्षिक पत्रिका "प्रेरणा' का लोकार्पण एवं संस्था का स्थापना दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोपाल मंदिर के षष्ठ पीठाधीश्वर श्याम मनोहर महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्पत्ति, स्थिति और लय हो जाने वाला यह जगत योगेश्वर श्री कृष्ण की लीला मात्र है। लीलाधर जगत के कर्ताधर्ता है, लड्डूगोपाल की कृपा हाने से दृष्टि हीन सूरदास महाकवि बन गये, जिन्हें भगवान के बाल्यावस्था से युवावस्था का महात्म्य का दर्शन हुआ। निश्छल भक्ति से ही ब्रह्म की प्राप्ति होती है। 

विशिष्ठ अतिथि मुख्य वक्ता साहित्यकार समीक्षक प्रो. रामसुधार सिंह ने कहा कि जड़ चेतन का सम्बंध ईश्वर से है। शंकराचार्य कहते है ये जो दुनिया दिखायी पड़ रही है वह झूठ है। सत्य सिर्फ ब्रह्म है। इस कथ्य की सत्यता महाकवि सूरदास है जिन्हे आचार्य वल्लभादास के संरक्षण मात्र से गीरधर श्रीकृष्ण की कृपा हुई। डा. अत्रि भारद्वाज व राजीवन द्रविड़ ने 'प्रेरणा' वार्षिक पत्रिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर 'प्रेरणा' पत्रिका के सम्पादक द्वय डा. अत्रि भारद्वाज एवं राजीवन द्रविड़ का प्रशस्ति पत्र देकर गोपाल मंदिर के महाराजश्री ने सम्मानित किया। अतिथियों का स्वागत दीपक अग्रवाल, संयोजन गौरव अग्रवाल, संचालन डा. जयशंकर जय ने धन्यवाद ज्ञापन दीपेश चन्द्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर गणमान्य साहित्यकार एवं पत्रकार मनीषीजन उपस्थित रहे।

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