एटीएम कार्ड बदलकर धोखे से अकाउंट से पैसे निकालने वाले तीन अभियुक्त गिरफ्तार, अलग-अलग बैंकों के 13 एटीएम कार्ड बरामद

 ए०टी०एम० कार्ड बदलकर चोरी कर धोखाधड़ी से एकाउन्ट से पैसे निकालने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ, थाना कैण्ट व एस०ओ०जी० कमिश्नरेट वाराणसी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा 03 अन्तर्राज्यीय अभियुक्त गिरफ्तार हुए जिनके कब्जे से अलग-अलग बैंकों के कुल 13 ए०टी०एम० कार्ड व चोरी/धोखाधड़ी में इस्तेमाल किये जा रहे स्वाईप मशीन, 04 अदद मोबाईल, 01 अदद कार व 1110/- रू0 नकद बरामद हुआ ।सहायक पुलिस आयुक्त कैंट के नेतृत्व में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य व मुखबिर की सहायता से थाना कैण्ट व एस०ओ०जी० की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा वांछित शातिर को गिरफ्तार किया गया। 

अभियुक्तगण के कब्जे से कुल चोरी/धोखाधड़ी के कुल 13 अदद अलग-अलग बैंकों के ए०टी०एम० कार्ड, 04 अदद फेवीक्विक, एक अदद फोन-पे बिजनेस ए०टी०एम० स्वाईप मशीन, घटना में प्रयुक्त 04 अदद मोबाईल फोन व एक अदद चार पहिया वाहन तथा अलग-अलग घटनाओं से प्राप्त रूपयों में से खर्च के बाद बचे शेष 1110/- रूपये नकद बरामद हुए। उक्त गिरफ्तारी व बरादमगी के सम्बन्ध में थाना कैण्ट पुलिस द्वारा आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

अपराध का तरीका

अभियुक्तगण का ए०टी०एम० धोखाधड़ी का एक गिरोह है जो मिलकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा आदि राज्यों में विभिन्न शहरों मे रेनॉल्ट ट्यूबर चार पहिया गाड़ी से बैंकों की ए०टी०एम० मशीनों पर साथ मिलकर घटना कारित करते हैं। एक व्यक्ति ए०टी०एम० के बाहर खड़ा रहता है तथा दो व्यक्ति ए०टी०एम० के अन्दर रहते हैं, समयानुसार अगर कोई ग्राहक ए०टी०एम० के बारे में कम जानकारी रहती है तो उसको अभियुक्तगण सहयोग का बहाना बनाकर धोखाधड़ी से ए०टी०एम० कार्ड बदल लेते हैं। जब ये लोग ए०टी०एम० कार्ड बदलकर धोखाधड़ी नहीं कर पाते हैं तो सभी लोग किसी ग्राहक के पैसे निकालने से पहले इन लोगों में से कोई न कोई उसके आगे खड़ा रहता है तथा ग्राहक को बातों में उलझाकर ए०टी०एम० मशीन में कार्ड लगाने वाले स्थान पर कार्ड की मदद से फेवी क्विक लगा देता है, जब ग्राहक ए०टी०एम० मशीन में अपना कार्ड लगाता है और सारी प्रक्रिया पूरी करता है तो पीछे खड़े अभियुक्त द्वारा पिन देख लिया जाता है उसके बाद आगे वाले व्यक्ति को परेशान करने की नीयत से कि हमें भी पैसा निकालना है, जल्दी करो, ऐसी ही बातें में उलझाकर जल्दी ए०टी०एम० कार्ड निकालने की बात बोला जाता है जिससे वह ग्राहक ए०टी०एम० कार्ड निकालने का प्रयास करता है किन्तु फेवी क्विक लगा होने के कारण ए०टी०एम० कार्ड नहीं निकलता है तो सभी लोग गार्ड को बुलाने के लिए उस ग्राहक को ए०टी०एम० से बाहर भेज देते हैं तभी मौका देखकर उस ए०टी०एम० मशीन में फंसे ए०टी०एम० कार्ड को पिलास की मदद से खींचकर बाहर निकाल लेते हैं और फिर उस ए०टी०एम० कार्ड को लेकर तुरन्त हट कर किसी दूसरी ए०टी०एम० मशीन से उक्त कार्ड का प्रयोग कर पैसा निकाल लेते हैं और आपस में बांट लेते हैं तथा उसके बाद अभियुक्तगण अपने पास रखी फोन पे मशीन से स्वाईप करके अधिकतम पैसे खाते में ट्रांसफर कर लेते है। अभियुक्तगण पूछने पर बताये कि हम सभी लोग साथ मिलकर विगत 03 वर्षों से अलग-2 राज्यों में उक्त ए०टी०एम० काडों की धोखाधड़ी करते हुए ऐशो-आराम की जिन्दगी जीते हुए जीवन यापन कर रहे हैं इसी क्रम में हम सभी लोग ट्यूबर कार से बनारस आये थे कि यहाँ भी लोगों से धोखाधड़ी कर ए०टी०एम० बदलकर रुपयों की चोरी कर लें कि आप लोगों द्वारा पकड़ लिया गया। बरामदशुदा पैसो के बारे में पूछने पर बता रहे हैं कि अभी तक भिन्न-2 शहरों में की गयी घटना में हम सभी लोगों ने जो पैसा धोखाधड़ी करके चुराया था उसका बराबर-2 हिस्सा सभी को मिला था उसमें से हम लोग मौज-मस्ती की जिन्दगी जीने तथा खाने-पीने मे खर्च करने के बाद जो बचा हुआ है यही शेष बचा है। बनारस में हम लोगों ने जनवरी में कचहरी के पास एसबीआई बैंक के बाहर लगे ए०टी०एम० से भी इसी तरह ए०टी०एम० पर फेवी क्विक लगाकर ए०टी०एम० चुराकर रुपयों की चोरी किये हैं। हम लोग तीन दिन पहले भी भोजूबीर चौराहे के पास से एक्सिस बैंक के ए०टी०एम० से एक लड़की से धोखे से ए०टी०एम० मशीन के अन्दर फैवी क्विक से ए०टी०एम० चिपका कर प्राप्त कर लिये और ए०टी०एम० का पिन देखकर दूसरे ए०टी०एम० से 23500/- रूपये निकाल लिए और आपस में बाँट कर खाने-पीने और मौज-मस्ती में खर्च कर दिए।

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