भीषण गर्मी एव चिलचिलाती धूप के कारण गंगा घाटों पर उमड़ने वाली भीड़ गायब है प्रचंड गर्मी को देखते हुए यात्री सहित आस पास के लोग भी घरों होटलों लाज में शरण लिए हुए है गंगा का जल स्तर काफी तेजी से घट रहा है घाट के पुजारी ने बताया की पानी का बहाव कम होने के साथ साथ प्रदूषित हो गया है। पानी का रंग तक बदल गया है अगर बंद जगहों से पानी गंगा का नही छोड़ा गया तो पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। गंगा के बीच बीच सहित किनारे पर मिट्टी के टीले दिखने लगे है जो अच्छा संकेत नहीं है समय रहते अगर इसका निस्तारण नहीं हुआ तो बूंद बूंद पानी के लिए लोग तरसेंगे।
प्रचंड गर्मी का असर ये हुआ है की घटता हुआ गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु के पास पहुंच गया है। शहर में पेयजल के आसन्न संकट को देखते हुए जलकल ने सिंचाई विभाग से कानपुर बैराज से पानी छोड़वाने के लिए पत्र लिखा है। क्योंकि गंगा के जलस्तर में अब गिरावट हुई तो भदैनी पंप हाउस से शोधन के लिए जल उठाना संभव नहीं होगा। लिहाजा भेलूपुर वाटर ट्रीटमेंट. प्लांट भी ठप हो जाएगा। तब जलापूर्ति का गहरा संकट सामने होगा।
इधर बीच गंगा के जलस्तर में कभी दो तो कभी एक सेंटीमीटर प्रति घंटा की गति से कर्मी आ रही थी। बीते शनिवार और रविवार को गिरावट की गति एक सेंमी/घंटा थी। सोमवार को भदैनी पंप हाउस पर जलस्तर 189 फीट पर स्थिर था। यह चेतावनी बिंदु 193 फीट से चार फीट नीचे जबकि खतरा बिंदु 186 फीट से तीन फीट ऊपर था। 186 फीट से नीचे पानी हुआ तो भदैनी के वाटर पंप नहीं चल पाएंगे। जलकल के अधिकारियों के अनुसार, अभी चार पंप 75 प्रतिशत क्षमता से चल रहे हैं। उन्हें 24 घंटे चलाया जा रहा है।