वाराणसी के जिला मुख्यालय पर शनिवार को एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ विभिन्न संगठनो के युवाओं ने नाराजगी जताई। साथ ही मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। संसद में शपथ के दौरान ओवैसी ने जय फलिस्तीन का नारा दिया था। इसी को लेकर युवाओं में नाराजगी है। लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में शपथ लेते हुए असदुद्दीन ओवैसी का यह कृत्य भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 के खंड एक के खंड (घ) का स्पष्ट उल्लंघन है।
इस अनुच्छेद में यह प्रावधान है कि यदि कोई संसद सदस्य किसी विदेशी राज्य के प्रति दृढ़ता निष्ठा प्रदर्शित करता है, अनुपालना स्वीकृत करता है तो यह उसके संसद सदस्यता को निरहरित करता है और यह कृत्य संसद सदस्य की सदस्यता समाप्त करने का आधार भी है। ऐसी स्थिति में भारत के संविधान के अनुच्छेद 103 के खंड एक व खंड 2 में यह स्पष्ट प्रावधान दिया गया है कि यदि कोई संसद सदस्य भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 के खंड एक (घ) का उल्लंघन करता है तो उसकी संसद सदस्यता अनुच्छेद 103 के खंड एक व दो में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप भारत के महामहिम राष्ट्रपति को यह अधिकार होगा कि उसकी सदस्यता रद्द कर सकता है। छात्रों ने कहा कि अनुच्छेद के अनुसार चुनाव आयोग से रिपोर्ट मंगाना हो तो उक्त प्रकरण के संबंध में तो वह चुनाव आयोग से रिपोर्ट प्राप्त करके असदुद्दीन ओवैसी की संसद सदस्यता समाप्त कर सकती है। ऐसी स्थिति में असदुद्दीन ओवैसी की लोकसभा की सदस्यता भारत के संविधान के सम्मान में व अनुपालन में अनुच्छेद 103 के खंड एक व दो में विहित प्रावधानों के अनुरूप उनकी लोकसभा सदस्य का समाप्त किया जाना आवश्यक है।
अपनी इन्हीं मांगों को लेकर काशी के नागरिकों, छात्रों, नौजवानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर जरिए पुलिस कमिश्नर/ सहायक पुलिस आयुक्त कैंट विद्युत सक्सेना के जरिए महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक प्रेषित किया।इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में विवेकानंद सिंह, अवनीश राय, प्रतीक उपाध्याय, प्रतीक उपाध्याय संगम, प्रवीण राय, शोभित, विकास कुमार, रितेश सिंह, कौशल यादव, विशाल, रतनदीप सिंह, विकास तिवारी इत्यादि लोग सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।