नागरी नाटक मंडली में नवांकुर कार्यशाला के समापन पर हुई विविध प्रस्तुतियां

नागरी नाटक मंडली प्रेक्षागृह में रविवार की शाम चार घंटे के अंतराल में छह ऋतुएं गुजर गई। बेशक ऋतुओं का आना- जाना उनकी स्वाभाविक गति से नहीं था, लेकिन विलंबित, मध्य और द्रुत तीनों ही लयों की बानगी पेश की गई। खचाखच भरे प्रेक्षागृह में मौजूद प्रत्येक दर्शक ने वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर की अनुभूति नृत्य की भंगिमाओं के माध्यम से की।

अवसर था नागरी नाटक मंडली की ओर से बच्चों के लिए आयोजित 27'नवांकुर' कार्यशाला में तैयार की गई प्रस्तुतियों के प्रदर्शन का। उपशास्त्रीय गायिका विदुषी सुचरिता गुप्ता ने नलिनी और वीणा अग्निहोत्री द्वारा लिखे गए ऋतुगीतों को संगीतबद्ध किया। तो इन गीतों के भावों को भरतनाट्यम की भंगिमाओं में डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, कथक के कथ्य में विशाल कृष्ण एवं - ईशान रायचौधरी तथा ओडिसी के औरे में राहुल मुखर्जी ने पिरोया। इन नृत्यगुरुओं ने 40 दिनों में 77 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया था। 

45 युवक- युवतियों और बाल गायकों ने अपने - स्वर से गीतों को सजाया। रेखा जैन - लिखित और सुमन पाठक द्वारा निर्देशित नाटक 'कौन छोटा-कौन बड़ा' का मंचन एकता का संदेश दे गया। प्रशिक्षकों का सम्मान नागरी नाटक मंडली न्यास के सदस्य डॉ. अजीत सैगल व रंगकर्मी राजेंद्र सिंह ने किया।

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