काशी सुमेरुपीठ में काशी के संतों और बटुकों ने हाथरस की घटना पर गहरा दुख प्रकट किया और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शांतिपाठ किया। पीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए दोषियों को मृत्यु दंड देने की मांग की है।स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कुंभ में एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सत्संग से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है, लेकिन ऐसे बाबा जो सूट-बूट में अपने आप को संत कहते हैं, वे गलत हैं। स्वामी जी ने सरकार से मांग की कि इस ढोगी बाबा की सम्पत्ति को बेचकर मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसे बाबा जो न तो भगवान को मानते हैं और न ही कोई पूजा-पाठ करते हैं, वे संत कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म परिवर्तन का भी काम कराते हैं, इसलिए सरकार को उच्चस्तरीय जांच कराकर बाबा को बड़ी सजा देनी चाहिए। प्रशासन को ऐसे आयोजनों के लिए सतर्क रहना होगा।