सर्किट हाउस में लगा अग्निशमन यंत्र बना शोपीस, रखरखाव का किसी को नहीं है ध्यान

सरकार ने हर सरकारी विभाग, मॉल, बैंक, निजी शिक्षण संस्थान सहित निजी सभी संस्थानों में आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम अपडेट रखने के निर्देश दे रखे हैं, पर क्या सरकारी विभाग इसका अक्षरशः पालन करते हैं। शायद इन पर यह आदेश लागू नहीं होता। हम बात कर रहे हैं कचहरी के पास स्थित सर्किट हाउस की। जहां, अग्निशामक यंत्र तो लगे हैं लेकिन इसके रखरखाव पर किसी का ध्यान नहीं है। इनकी रिफिल कब हुई है किसी को पता नहीं। इनकी एक्सपायरी डेट भी खत्म हो चुकी है। 

विदित हो कि स्थानीय सर्किट हाउस में अक्सर वीआईपी का आना जाना लगा रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी वाराणसी प्रवास पर आते हैं, यहीं रात्रि विश्राम करते हैं। आये दिन अधिकारियो की मीटिंग भी यहीं होती है। इस भवन में कहीं आग लग जाए तो उसपर तत्काल काबू कर पाना बहुत मुश्किल होगा। कारण यहां मौजूद अग्निशमन यंत्र किसी काम के नहीं हैं। इन्हें केवल शोपीस ही मानिए। मजे की बात यह है कि यदि कोई निजी संस्थान इस तरह की लापरवाही करता है तो संबंधित विभाग उस पर कार्रवाई करता है लेकिन सरकारी विभाग में इस तरह के लापरवाही देखने को मिल रही है। कुल मिलाकर सैकड़ो लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है। वही जिला अग्निशमन अधिकारी आनंद राजपूत ने बताया की आग बुझाने हेतु लगे सिलेंडर को प्रतिवर्ष रिफिलिंग कराने के साथ ही उसपर वैद्यता तिथि अंकित किया जाना आवश्यक है।


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