वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास मंगलवार सुबह 2 मकान ढह गए। इसमें ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी समेत 9 लोग मलबे में दब गए। 8 को बाहर सुरक्षित निकाल लिया गया। 1 महिला की मौत हो गई।सूचना मिलते ही कई थाने की पुलिस फोर्स पहुंच गई। NDRF बुलाई गई। हादसे के बाद मैदागिन और गोदौलिया से काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले रास्ते को बंद करके गेट नंबर 4 से श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया।
घर मंदिर कॉरिडोर से महज 10 मीटर दूर है।फिलहाल, अभी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। NDRF के जवानों के मलबे को हटाकर देख रहे हैं कि कहीं कोई और तो नहीं दबा है। सीएम योगी ने घायलों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।
कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया- मकान पुराना था। इसमें दो परिवार रहते थे। एक रिलेटिव भी आए थे। 2 किराएदार भी रहते थे। हादसे के बाद तत्काल रेक्स्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को बाहर निकाला गया। महिला कॉन्स्टेबल के जबड़े में चोट लगी है।
70-80 साल पुराने थे दोनों मकान
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पास खोवा गली में दोनों मकान अगल-बगल बने हुए थे। इनके मालिक राजेश और मनीष गुप्ता चचेरे भाई हैं। मकान 70-75 साल पुराने थे। दीवारें जर्जर हो चुकी थीं। मनीष गुप्ता का मकान 4 मंजिला, जबकि राजेश गुप्ता का मकान 3 मंजिला था।मंगलवार तड़के 3 बजे मनीष गुप्ता का मकान भरभराकर गिर पड़ा। थोड़ी देर बाद बगल में दूसरा मकान भी ढह गया। दीवार के पास ही पुलिस पिकेट बनी है। यहां तैनात महिला पुलिसकर्मी भी मलबे में दबकर घायल हो गई।
मकान गिरते ही चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि हम लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे, लेकिन मकान इस तरह से गिरे थे कि कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। डर था कि जो दीवारें खड़ी हुई हैं, वह भी न गिर जाए। थोड़ी देर में पुलिस भी पहुंच गई। NDRF को बुलाया गया।
8 फीट चौड़ी गली में थे मकान, हाथों से मलबा हटा रही टीम
पुलिस और NDRF की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। जिस गली में हादसा हुआ उसकी चौड़ाई महज 8 फीट है। ऐसे में वहां रेस्क्यू का पूरा काम मैनुअली हो रहा है। मलबा भी टीम हाथों से हटा रही है। इस वजह से रेस्क्यू में वक्त लग रहा है। घर के बाहर
मंदिर बना हुआ है, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया है।NDRF टीम ने बताया कि मलबे से मकान मालिक राजेश गुप्ता, मनीष गुप्ता, इशु गुप्ता और कृतिका गुप्ता को बाहर निकाला गया। बाकी, महिला पुलिसकर्मी घर के बाहर थी, उनको तुरंत अस्पताल भेज दिया गया।
मनीष गुप्ता बोले- घर ठीक करवाने की परमिशन नहीं मिली
एक मकान के मालिक मनीष गुप्ता ने बताया कि उनका मकान काफी जर्जर था। वह इसको ठीक करवाना चाहते थे, लेकिन काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में किसी भी निर्माण के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि विश्वनाथ मंदिर प्रशासन से लेकर नगर निगम से अनुमति मांगी गई थी कि मकान को जमींदोज कर दिया जाए या मरम्मत कराने के आदेश दिया जाए। लेकिन अनुमति नहीं दी गई।
स्थानीय लोग बोले- बहुत तेज आवाज आई
पड़ोसी अजीत ने बताया- दोनों मकान जर्जर थे। मकान मालिक मनीष गुप्ता हैं। वह काफी दिनों से वाराणसी नगर निगम और मंदिर कार्यपालक के पास काफी दिनों से दौड़ रहे थे। वह मरम्मत कराने की परमिशन मांग रहे थे। लेकिन, उन्हें परमिशन नहीं मिली। उन्होंने मकान के मरम्मत के लिए सामान भी मंगा लिया था। लेकिन, आज यह हादसा हो गया है। अभी तो हम लोगों से कहा जा रहा है कि 8 से 9 लोग दबे हैं। 6 को पहले ही निकाल लिया गया था।
गेट नंबर 4 से श्रद्धालु का प्रवेश बंद
हादसे के बाद मैदागिन और गोदौलिया से मंदिर जाने वाले गेट नंबर 4 से श्रद्धालु के प्रवेश बंद कर दिया गया है। श्रद्धालु को गेट नंबर 1 और 2 से मंदिर भेजा जा रहा है।
पीएम ने कमिश्नर से हाथ से को लेकर की बात
पीएम मोदी ने कमिश्नर कौशल राज शर्मा से फोन पर बात की। वहां की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली। कमिश्नर ने उन्हें बताया कि मृतक महिला और घायलों को मुआवजा दिया जाएगा। घायलों को बेहतर इलाज करवाया जा रहा है। सीएम योगी ने भी घायलों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।