सावन मास शिवरात्रि को काशीपुराधिपति के जलाभिषेक के लिए आस्था का समंदर उमड़ पड़ा। ज्योतिर्लिंग पर अविरल गंगधार चढ़ाते शिवभक्तों के प्रवाह के बीच काशी 'बम-बम' कर उठी। श्रद्धालु शिवभक्तों की अपार संख्या के बीच दो हजार से अधिक डाक बम ने बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया जबकि मंगला आरती से शयन आरती तक दो लाख से अधिक कांवरियों ने श्रद्धा अर्पित की। गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक शिवभक्त ही नजर आ रहे थे।
विश्वनाथ मंदिर में शिवभक्ति का अद्भुत दृश्य दिखा। 'बोल बम' और 'हरहर महादेव' का हर तरफ उद्घोष होता रहा। सुबह एक कतार नीचीबाग के पार तो दूसरी दशाश्वमेध से गंगा घाट तक जा पहुंची थी। दोपहर बाद यह कतार गोदौलिया तक दिखी। भोर में मंगला आरती के बाद पट खुलते ही बाहर कतारबद्ध कांवरियों में हलचल बढ़ गयी। बाबा का झांकी दर्शन शयन आरती तक अविराम चलता रहा। कांवरियों और अन्य दर्शनार्थियों की भीड़ के बीच प्रयाग से लगभग दौड़ते हुए विश्वनाथ धाम पहुंच रहे डाक बमों को गेट नंबर चार और एक से सीधे गर्भगृह तक जाने की अलग व्यवस्था की गई थी।