पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिसके कारण काशी में भी तीसरी बार गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। गंगा 1 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं। जिसकी वजह से गंगा के आसपास रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गयी है। बता दे की गंगा का जलस्तर जब ज्यादा बढ़ता है तो इन इलाकों में गंगा का जल पहुंच जाता है जिसके कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है आवा गमन में भी काफी दिक्कतें होने लगती है। वहीं अगर बात करें काशी आने वाले पर्यटकों की तो अब नाव नहीं चलने से और घाटों का संपर्क टूट जाने के कारण मायूस हो कर लौट जा रहे हैं क्योंकि वह एक घाट से दूसरे घाट तक नहीं जा पा रहे घाटों का आपसी संपर्क टूटा हुआ है।
फिलहाल अभी तक मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर सीढ़ियों पर ही शवदाह हो रहा है। सीढ़ियों पर शवदाह होने से लोगों को समस्याएं होने लगी है। दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट पर ऊपर ही गंगा आरती सम्पन्न कराई गई। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे 63.95 मीटर आ गया है। हालांकि पिछले पहाड़ पर बारिश के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने तटीय इलाकों में अलर्ट बरकरार रखा है। आज तेज हवाओं के साथ गंगा की लहरों में तूफान है इसकी वजह से नौका संचालन भी नहीं हो पा रहा है।
नाविक ने बताया कि गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे आज 1 फीट तक बढ़ गया है जिसके कारण हम लोग नौका संचालन रोक दिए हैं। जल पुलिस ने भी नाव चलाने पर रोक लगा दिया है तथा नागरिकों से अपील किया है कि कोई भी नाव ना चलाएं नाव चलाने से दुर्घटनाएं होने की संभावना है। घाट किनारे स्थित 50 से अधिक छोटे और बड़े मंदिर है जो पानी में जलमग्न हो चुके हैं। वहीं घाट किनारे रहने वाले पुरोहितों को भी दिक्कत हो रही है उनका कहना है कि मां गंगा तीसरी बार उफान पर हैं इस वजह से अब हमें अपने चौकिया को फिर बदलना पड़ेगा। लेकिन अभी भी घाट किनारे स्थित मंदिर में पानी भरा है जिससे सांकेतिक पूजा पाठ की जा रही है। बता दे कि अभी भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के कारण जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम अलर्ट है।