काशी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का मना विशेष उत्सव, बाबा विश्वनाथ के धाम में विराजे भगवान श्री कृष्ण

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पहली बार बाबा विश्वनाथ के साथ लड्डू गोपाल के भी दर्शन हो रहे हैं। वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के साथ भगवान कृष्ण भी विराजमान हैं। आज आधी रात ढाई बजे बाबा विश्वनाथ की खास मंगला आरती के भगवान कृष्ण भी साक्षी बने। 

आरती के बाद बाबा के कपाट खुले तो हरि और हर एक साथ भक्तों को दर्शन दे रहे थे। पूरा मंदिर हर हर महादेव और जय कन्हैया लाल के उद्घोष से गूंज रहा था। भगवान विश्वनाथ के बगल में कन्हैया की मौजूदगी हर किसी भक्त को मोहित कर रहा था।

शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान कृष्ण का धरती पर जन्म हुआ तो उनका बाल रूप देखने शिव स्वयं कैलाश से दर्शन करने आए थे। हालांकि, मैया यशोदा ने शिव जी से विनती की की आप कन्हैया को सीधे नहीं बल्कि पानी में परछाई देखिए, नहीं तो आपका भयंकर रूप देखकर बच्चा डर जाएगा।ऐसे में भगवान ने पानी में श्रीकृष्ण की परछाई देखी थी। आज फिर से मंदिर में उसी परंपरा की शुरुआत की गई है।

सारी परंपराओं को शुरू किया जाएगा- कमिश्नर

वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि ये परंपरा अब हर साल बड़े उत्साह से मनाई जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि बाबा विश्वनाथ मंदिर में जो भी परंपरा पिछले कुछ साल में बंद हो गई थी, अब उन सबको फिर से शुरू किया जा रहा है।

दुनिया भर में हुआ LIVE प्रसारण

काशी विश्वनाथ मंदिर के CEO विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि पहली बार मंदिर के गर्भगृह में भगवान लड्डू गोपाल बाल रूप में पधारे हैं। रात के 12 बजे जन्म के करीब ढाई घंटे बाद मंदिर के गर्भगृह में लड्डू गोपाल को विराजमान किया गया था। इस पूरे दर्शन-पूजन को दुनिया भर में LIVE प्रसारित किया गया। वहीं, मंदिर में आए भक्तों ने तो खुली आंखों से ये मोहित करने वाला सीन देखा।






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