आदिशक्ति मां विशालाक्षी का मना प्राकट्य उत्सव, बाबा विश्वनाथ को अवलोकित कराते हुए मां को 16 श्रृंगार की सामग्री हुई अर्पित

काशी की शक्ति आदि शक्ति मां विशालाक्षी का प्राकट्य उत्सव और हरियाली श्रृंगार भाद्र पद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया गया। इस अवसर पर मीरघाट स्थित मंदिर परिसर और जाने वाले मार्ग पर फूल पत्तियों से आकर्षक सजावट की गई। 

श्रृंगार उत्सव में श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर न्यास द्वारा माता के श्रृंगार हेतु 16 श्रृंगार की सामग्री, दो जोड़ी वस्त्र, पुष्प-माला, मिष्ठान एवं फल बाबा विश्वनाथ को अवलोकित कराते हुए माता विशालाक्षी के मंदिर में भेंट किया गया।

श्रद्धालु कतारबद्ध होकर दर्शन पूजन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। मंदिर के महंत राधेश्याम दुबे ने बताया कि माता रानी के भव्य प्राकट्य उत्सव और हरियाली श्रृंगार में मंदिर के गर्भगृह को गुलाब के फूलों से सजाया गया। पूरे मंदिर परिसर को बिजली के झालरों से सजाया गया।

शंखध्वनि एवं मंत्रोच्चार के बीच भेंट समाग्री हुई रवाना

इस दौरान मंदिर न्यास के अधिकारियों सीईओ विश्व भूषण, डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण एवम सम्मानित न्यास के सदस्य वेंकट रमण घनपाठी की उपस्थिति में वस्त्र श्रृंगार एवम फल फूल इत्यादि महादेव विश्वेश्वर को आवालोकित कराते हुए शास्त्रीय विधि विधान से पूजित किया गया। 

बाबा के धाम से माता के आंगन तक शंखध्वनि एवं मंत्रोच्चार के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम के अर्चकों को सौंप कर समस्त भेंट सामग्री को रवाना किया गया।

पत्तियों और गुलाब के फूलों से हुआ श्रृंगार

मां विशालाक्षी शक्तिपीठ धाम में महंत पं० राजनाथ तिवारी एवम मां विशालाक्षी धाम के मुख्य पुजारी कन्हैया दुबे ने सामग्री को समारोहपूर्वक श्री काशी विश्वनाथ धाम के अर्चकों से ग्रहण कर माता को अर्पित किया। 

माता के प्राकट्य उत्सव के लिए सुबह से ही मंदिर में तैयारी शुरू हो गई थी। सुबह मंगला आरती के बाद पूर्वाह्न में माता का अभिषेक कर बेला, गुलाब के फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। इसके अलावा मंदिर परिसर को विभिन्न फूलों और कामिनी की पत्तियों से भव्य सजावट की गई थी। इस बीच मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा हुआ हैं‌।इस बीच मंदिर में दर्शनार्थियों की आवाजाही महा आरती तक चलता रहा।



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