रिद्धि-सिद्धि संग मंगलमूर्ति के भक्ति की नृत्यमय अनुकृति और लोक संस्कृति की अभिव्यक्ति का मिलन मछोदरी स्थित श्री काशी विद्या मंदिर के प्रांगण में हुआ। श्री काशी विश्वनाथ गणपति महोत्सव के षष्ठ दिवस पर संध्या बेला गरबा और लोक नृत्य से खिला तो इसके साक्षी बने अनिगन उत्सव धर्मियों का मन उल्लसित हो डोला। किसी ने गणेश वंदना पर तो किसी ने भक्ति गीतों पर भावाभिनव पूरित नृत्य किया। एकल और समूह नृत्य प्रस्तुतियों में कथक भी दिखा तो गरबा भी दमका। बच्चों ने विभिन्न गीतों पर मनमोहक नृत्य किया।
ऊर्जान्वित एवं उत्साहित बाल कलाकार मगन होकर 'बप्पा" के चरणों में अपनी प्रस्तुतियां समर्पित की। इस दौरान खचाखच भरे दर्शक दीर्घा से उनका हौसला बढ़ाती और प्रशंसा करती तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। इससे पूर्व सुबह भगवान गणेश की उत्सवी प्रतिमा की पूजन-आरती नित्य की भांति हुई।
वहीं, शाम चार बजे पद्यगान एवं मेहंदी प्रतियोगिता हुई। सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान महोत्सव के संस्थापक रामचरण, किरन यादव, प्रो. प्रवेश भारद्वाज सहित ज्योति गुजराती, वंदिता यादव, डॉली चौरसिया, प्रतिभा शुक्ला, रेनू तिवारी, चंदा चौरसिया एवं आशीष विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप मेहरोत्रा ने किया।