शिक्षा पर व्यक्ति का जीवन निर्भर है, इसे मजबूत बनाये रखना आवश्यक है अगर शिक्षा प्रणाली अच्छी न हो तो मानव भविष्य का परिणाम भयंकर होगा।" यह उद्गार व्यक्त किया स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने मौका था गड़वाघाट स्थित मुख्य शाखा में हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का। विषय था "बदली हुई भारतीय शिक्षा व परीक्षा प्रणाली, विद्यार्थियों को भयमुक्त कर पायेगी। स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल की पांचों शाखाओं के बीच प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यांकन के उद्देश्य से वाद-विवाद प्रतियोगिता गड़वाघाट शाखा में आयोजित हुआ। विद्यालय के प्रेरणा स्रोत हरसेवानन्द महाराज के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर प्रधानाचार्य चन्द्रशेखर सिंह ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
पांचों शाखाओं के बच्चों से दो चक्रों में प्रतियोगिता सम्पन्न करायी। प्रतियोगिता में वैभव, आस्था, भूमि सिंह, अंकिता सौम्या, आयूषी, पलक, प्रगति, रूद्र, समृद्धि इत्यादि ने अपनी जोरदार तर्कों से प्रतियोगिता में चिन्तन के आयाम जोड़े। परिणामतः प्रथम स्थान घोरावल शाखा, द्वितीय स्थान चुर्क शाखा, तृतीय स्थान गढ़वाघाट शाखा, चतुर्थ स्थान बनपुरवां शाखा, तथा पंचम स्थान जगतगंज शाखा ने प्राप्त किया।
उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रतियोगी बनने तथा भारतीय संस्कृति एवं विरासत को अक्षुण्य रखने की अपील की। जगतगंज शाखा से सुमनलता नागवंशी, चुर्क शाखा से गीता अग्रवाल, बनपुरवां शाखा से विनोद यादव, घोरावल शाखा से सर्वेश कुमार पाठक, गढ़वाघाट शाखा से वी. के. श्रीवास्तव की भूमिका सराहनीय रही। सभा में समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे।