रामनगर बलुआघाट गुंबद ढहने से मजदूर की मौत के मामले में हुई कार्यवाही, यूपीपीसीएल की जेई व एपीएम निलम्बित

वाराणसी में रामनगर के बलुआघाट पर गुरुवार को बारादरी का गुंबद ढहने से अधेड़ मजदूर की मौत के मामले में शासन के निर्देश पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) निर्माण ईकाई-3 की जेई और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर (एपीएम) को निलंबित कर दिया गया।

वहीं डीएम के आदेश पर एडीएम सिटी मामले की जांच कर रहे हैं। इसमें PWD, DRDA और सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों की भूमिका की जांच की जा रही है। एडीएम रविवार तक अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे, जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर समेत विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उधर, मुख्य महाप्रबंधक एके सिंह ने सोनभद्र के कॉन्ट्रैक्टर ओमप्रकाश पांडेय के कार्यों की जांच का निर्देश दिया है। कहा है कि जांच रिपोर्ट आने तक ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे सभी कार्यों पर रोक लगाई जाए। जांच में लापरवाही और धांधली मिलने पर फर्म काली सूची में डाली जाएगी।

गुरुवार को रामनगर किले की तरफ बलुआघाट का निर्माण में बन रहे चेंजिंग रूम की छत अचानक भरभराकर गिर गई थी जिसमें दबकर वहां बैठे मजदूर की मौत हो गई थी। मृत व्यक्ति मजदूर मेवालाल (57) निवासी अलीनगर, चंदौली के रूप में हुई थी, जिसमें सूचना के बाद परिजन भी पहुंच गए।

शुक्रवार शाम यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक संतोष सिंह ने अवर अभियंता रेनू जायसवाल और सहायक प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप कुमार को कार्यों में लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड करते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।

निर्माण कार्य में धांधली और लापरवाही को हादसे की वजह मानते हुए महाप्रबंधक जोन-1 प्रयागराज दिनेश कुमार और निर्माण ईकाई-3 के परियोजना प्रबंधक प्रवीण कुमार शर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा है। दोनों अधिकारी 17 सितम्बर तक जवाब भेजेंगे, संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति की भी चेतावनी दी है।

एस. राजलिंगम ने बताया कि घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। एडीएम सिटी को मामले की जांच दी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर दोषी और लापरवाहों समेत निर्माण कार्य से संबंधित ठेकेदार और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

10 करोड़ से विकास कार्य जारी

बता दें कि रामनगर थाना क्षेत्र में किला के समीप बलुआ घाट का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री घाट किया गया है। विकास परियोजनाओं पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की ओर से शास्त्री घाट का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। 

इस घाट की लंबाई 130 मीटर और चौड़ाई 70 मीटर है। इसके तहत यहां कई कार्य हो रहे हैं। इनमें प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, बायो टॉयलेट, सीसी रोड, बारादारी निर्माण आदि शामिल हैं। सितंबर 2023 में विधायक ने पर्यटन मंत्री से शिकायत की थी।

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