बीएचयू अस्पताल में कार्डियोलोजी विभाग के प्रोफेसर ओम शंकर का प्रेस कांफ्रेंस बंद कराने के लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाधिकारी पहुंचे। उनके साथ सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर भी थे।प्रोफेसर ने कहा कि किस आधार पर ये प्रेस वार्ता बंद कराई जा रही है। ये अधिकार किसने दिया। आप हमें लिखित में दें कि मीडिया से बात नहीं कर सकते। आदेश देने वाले अधिकारी का नाम और उनका मकसद क्या है, ये भी बताएं। इसके बाद सभी वापस लौट गए। कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर ओम शंकर ने अस्पताल में प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया था। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और कुलपति पर कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि अभी भी कार्डियोलोजी विभाग के बेड का मसला नहीं सुलझा। जबकि विवाद की स्थिति पिछले 2 से ज्यादा समय से है। लेकिन मरीजों के साथ इनको क्यों खुन्नस है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के पास अस्पताल बेड तय करने का अधिकार नहीं होता। डायरेक्टर इस पर फैसला ले सकते हैं। बीएचयू में पिछले तीन साल से एग्जीक्यूटिव काउंसिल नहीं है। एक के बाद एक नियुक्तियां जारी है। इस दौरान उन्होंने नए कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विकास अग्रवाल जो नए विभाग अध्यक्ष कार्डियोलॉजी विभाग के बने हैं। उनके पास कोई भी अर्हता नहीं है। इसके बाद डॉक्टर ओम शंकर ने का अदला बदली और बेड जबरदस्ती डालकर संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार से व्याप्त है।