ग्राम खलीलपुर जौनपुर में चल रहीं श्रीमद्भागवत पुराण कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित प्रवीण पाण्डेय जी महाराज ने भक्त प्रहलाद, हिरणाकश्यप व देवकी के आठ संतानों की उत्पत्ति सहित श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भक्त प्रहलाद हिरण्यकश्यप राक्षस का बेटा था।
हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से वरदान मांगा था। भगवान से उसे यह वरदान मिला कि किसी भी अस्त्र शस्त्र से नहीं मारे जाओगे, न रात में, दिन में, न धरती में, न आकाश में यह वरदान मिलने के बाद हिरण्यकश्यप को लगा कि वह अमर हो चुका है। वहीं उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से हुआ था। द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था।
वही यजमान गायत्री सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि आज कथा का चौथा दिन है हम लोग कथा व्यास पंडित प्रवीण पाण्डेय जी महाराज से भक्त प्रह्लाद के बारे में सुने श्रीकृष्ण जन्म की भी कथा हुई हम लोगों ने मंगल गीत गाए आस पास से आए लोग आज भी कथा सुन कर भाव विभोर हो गए है ।