जमीन की पुरानी रंजिश को लेकर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर युवक की हत्या करने के मामले में कांग्रेस नेता समेत चार आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (एससी- एसटी एक्ट) की अदालत में विचारण के दौरान बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि मृतक जिसकी गोली से मौत होना बताया गया है, उसकी मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से होना नहीं पाया गया है।
इसकी पुष्टि भी पोस्टमार्टम के डाक्टर ने अपनी जिरह के दौरान कही है। डाक्टर ने बताया कि मृतक की मौत गोली लगने से नही हुई है। इस आधार पर अदालत ने कोटवा, सारनाथ निवासी कांग्रेस नेता गुड्डू पांडे उर्फ गिरीश पांडेय, सतीश चन्द्र पांडेय, पप्पू यादव, राजन मिश्रा उर्फ नवीन मिश्रा को साक्ष्य के आभाव मे संदेह का लाभ देतें हुए दोषमुक्त कर दिया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अनुज यादव, अशोक यादव व नरेश यादव ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार सारनाथ निवासी नन्दु सोनकर ने सारनाथ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप था कि 24 जुलाई 2004 को सुबह उसका भाई अपनी जमीन पर बाजरे की छिटाई कर रहा था।
उसी दौरान पुरानी रंजिश को लेकर कांग्रेस नेता गुड्डू पांडे उर्फ गिरीश पांडेय, सतीश चन्द्र पांडेय, पप्पू यादव, राजन मिश्रा उर्फ नवीन मिश्रा व हरिश्याम मिश्र के साथ लाठी डंडा व लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर उसके खेत पर चल आये और लाठी डंडा से उसके भाई केदार सोनकर, मां मुन्नी देवी, पिता चमरू सोनकर को जाती सूचक शब्द से गालियां देते हुए जान से मारने की नियत से मारने-पीटने लगे।
इस दौरान गुड्डू पांडे ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से उसके भाई केदार को जान से मारने की नियत से दो फायर किया। संयोग से उसके भाई केदार को न लग कर गोली मिश्रा के गले में लग गयी। गोली की आवाज सुनकर वहा अफरा-तफरी मच गई।
इस बीच जब ग्रामीण जुटने लगे तो सभी हमलावर जान की धमकी देतें हुए भाग गये। इस मामले में एक आरोपित हरिश्याम मिश्र की मौत हो जाने के चलते उसके खिलाफ सुनवाई समाप्त हो गयी। वहीं दोनो पक्षों की दलील को सुनने व पत्रावलियों व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निरीक्षण के बाद आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुये न्यायालय के द्वारा दोषमुक्त कर दिया गया।