प्राचीन काली मंदिर ऋषि टीला शक्तिपीठ पंचायती बड़ा अखाड़े में अखंड रामचरितमानस पाठ हुआ संपन्न

सारनाथ स्थित प्राचीन काली माता मंदिर ऋषि टीला शक्तिपीठ पंचायती बड़ा अखाड़ा में अखंड रामचरितमानस का पाठ सकुशल संपन्न हुआ। यहां पर कई जिलों के महंत आए थे और राम चरित्र मानस का पाठ किया और भंडारे का भी आयोजन किया गया सैकड़ो भक्तों ने मंदिर पहुंचकर प्रसाद भी ग्रहण किया महंत श्री श्री 108 श्री रजनीश दुबे महाराज जी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि अखंड रामचरितमानस का पाठ करने से सभी कष्ट बाधाओ से मुक्ति मिलती है। 

उन्होंने कहा कि सारनाथ स्थित ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है यहां पर ऋषि मुनियों ने तपस्या की यही नहीं एक तरफ भगवान सारंग ऋषि तो दूसरी तरफ ऋषियो ने हीं यहां पर कठिन तपस्या की और यही नहीं भगवान बुद्ध ने यहीं से पहला उपदेश प्राप्त किया था इसलिए काशी में ही नहीं पूरे विश्व में यह विश्व प्रख्यात है महाराज ने बताया कि हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी भाई हैं सिर्फ राजनीतिक के चक्कर में आकर सिर्फ जाति का बंटवारा कर रहे हैं लेकिन भगवान सबके एक हैं हमने तो बाइबल भी पढ़ा रामायण भी पढा और कई पवित्र ग्रंथ भी पड़ा है लेकिन यह कहीं नहीं लिखा और कहा गया है कि भगवान अनेक है भगवान एक है और सभी को मनाना चाहिए राजनीतिज्ञो के चक्कर में नहीं पढ़ना चाहिए उन्होंने महाकुंभ को लेकर कहा कि महाकुंभ में सभी को जाना चाहिए सभी को स्नान कर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि महाकुंभ एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहां पर लाखों नहीं करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और स्नान करते हैं यहां पर तीन नदियों का मिलन होता है इसलिए इसे संगम भी कहते हैं उन्होंने कहा कि राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए जिस तरह से राजनीति लोग कह रहे हैं कि यहां पर गैर हिंदुओं को आना वर्जित है लेकिन यह गलत है सभी को संगम में आना चाहिए चाहे किसी हिंदू का हो ।क्योंकि भगवान एक है और सभी आकर पवित्र स्थान पर स्नान करें । महाराज ने कहा यह कहां लिखा है कि मुसलमान को संगम में स्नान नहीं करना चाहिए कोई नेता हमें बता दे सभी का अपना पवित्र स्थान होता है हम मक्का भी गए मदीना भी गए सभी जगह पूजा पाठ की लेकिन हमें कहीं नहीं मिला कि सिर्फ हिंदू ही पूजा करते हैं मुस्लिम भी अपने धर्म को मनकर पूजा पाठ करते हैं ऐसा सभी को करना भी चाहिए।







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