अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र (आईयूसीटीई), बीएचयू, वाराणसी द्वारा अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने पर उच्च शिक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है

 अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र (आईयूसीटीई), बीएचयू, वाराणसी अपनी स्थापना के 10 गौरवशाली वर्षों का उत्सव मना रहा है। इस अवसर पर 11वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आईयूसीटीई, वाराणसी और गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, गुजरात के संयुक्त तत्वावधान में "उच्च शिक्षा का पुनरुत्थानः विरासत और प्रगति का समन्वय" विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 25-26 दिसंबर 2024 को किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा करेंगे। प्रो. मैथ्यू स्वर्डलॉफ, स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क, यूएसए, सम्मानित अतिथि तथा आईयूएसी, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. ए. सी. पाण्डेय तथा गुवाहाटी विश्वविद्यालय की प्रो. नीलिमा भगवती उद्घाटन सत्र की विशिष्ट अतिथि होंगी। इस विशेष अवसर पर पद्मश्री प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत, अध्यक्ष, शासी मण्डल, आईयूसीटीई (बीएचयू) उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

समापन सत्र में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, झारखंड के कुलपति प्रो. राम कुमार सिंह मुख्य अतिथि तथा प्रो. जे.बी.जी. तिलक, पूर्व कुलपति, एनआईइपीए (NIEPA), नई दिल्ली इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे। इस सत्र की अध्यक्षता आईयूसीटीई (बीएचयू) के निदेशक प्रो. प्रेम नारायण सिंह करेंगे। सम्मेलन के विषय को 05 उपविषयों के अंतर्गत, 10 सत्रों में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भारत के 23 प्रदेशों सहित ब्रिटेन और मॉरीशस जैसे देशों से कुल 145 प्रतिभागी (97 ऑनलाईन, 42 ऑफलाईन) प्रतिभाग करेंगे। ये सत्र भारत की शैक्षिक विरासत जैसे नालंदा, तक्षशिला, और विक्रमशिला की परंपराओं को आधुनिक तकनीक, कौशल-आधारित शिक्षा, एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के समावेश, और रोजगार उन्नयन जैसे समकालीन दृष्टिकोणों के साथ जोड़ने पर केंद्रित होंगे। सम्मेलन में वैयक्तिक प्रशिक्षण प्रक्रिया, डिजिटल परिवर्तन, और अंतःविषय शिक्षा जैसे प्रमुख विषयों पर भी चर्चा होगी। यह आयोजन शैक्षिक प्रणाली में समग्रता और नवीन शिक्षण विधियों की भूमिका को रेखांकित करेगा। इन विचार-विमर्शों का उद्देश्य शिक्षा में वर्तमान चुनौतियों का समाधान करना और विविध संदर्भों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ठोस रणनीतियाँ विकसित करना है।राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और विकसित भारत @ 2047 की दृष्टि से समन्वित, यह सम्मेलन उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह सम्मेलन तकनीकी नवाचार और नैतिक मूल्यों के बीच सामंजस्य स्थापित कर एक परिवर्तनकारी और मूल्य-आधारित शिक्षा प्रणाली को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा।












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