बरेका के RPF द्वारा जागरूकता के नाम पर की जा रही मनमानी, हेलमेट के प्रति जागरूकता की जगह आवागमन ही कराया बंद

मैं ही राजा मैं ही मंत्री, यहाँ के राजा हम हैं, जी घबराइए नहीं ये बाते हम नहीं बल्कि बनारस रेल कारखाना की (RPF) रेलवे पुलिस फ़ोर्स कह रही है।जी सही पढ़ा बनारस रेल कारखाना की आर पी एफ का काम करने का तरीका तो यहीं बताता है कि बरेका परिसर में वही होगा जो हम चाहेंगे वरना कानून को तोड़ कर कानून को समझना ये तो क़ानूनन अपराध की श्रेणी में ही आना चाहिए।




आपको बताते है कि दरअसल मामला क्या है आखिर क्यों ये कहा जा रहा कि यहां के राजा हम है।

बरेका प्रशासन ने एक मुहिम चलाया कि लोगो को जागरूक किया जाए कि मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट जरूर पहने, सुन के अच्छा लगा कि बरेका प्रशासन ने ये कदम उठाया कि लोगो को जागरूक किया जाए और ये जिम्मेदारी दी गई बरेका के आरपीएफ यानी रेलवे पुलिस फ़ोर्स को, जिन्होंने बरेका परिसर में मोटरसाइकिल को चलाने पर ही पाबंदी लगा दी, जी हा आपने सही पढ़ा मोटरसायकिल चलाने पर रोक लगा दी, बिना हेलमेट पहने आप बरेका परिसर में नही चला सकते मोटरसाइकिल, ये मामला 08 जनवरी 2025 सुबह लगभग 10 से 10:30 बजे तक का बताया जा रहा है, बरेका के पहाड़ी गेट स्थित गेट के पास दो आरपीएफ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई और ये निर्देशित किया गया कि आप इस गेट से आने वाले लोगो को जागरूक करें की मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट जरूर पहने, ट्रैफिक के नियमो का पालन करे अपनी जान खतरे में न डाले।

परंतु आरपीएफ के कर्मचारियों ने तो गेट से अंदर आने वाले लोगो को आने से ही रोक दिया वापस भेज दिया कि दूसरे रास्ते से जाओ इस रास्ते से नही जाने देंगे। इस पर जब कुछ लोगों ने इसका विरोध किया तो वो अभद्र भाषा यानी गली गलौज पर उतर आये  जो कि बरेका प्रसासन सुबह 10 से 10:30 तक कि फूटेज में देख सकती है। आखिर कैसे आर पी एफ के कर्मचारियों ने लोगो को वापस भेजा यहाँ तक कि हॉस्पिटल जाने वाले लोगो व मरीजों को भी नही जाने दिया । हालाकि यह सख्ती सिर्फ आधे से एक घंटे तक के लिए ही था क्यो की तब तक फोटो और वीडियो बन चुका था फिर क्या था कौन कैसे आ रहा कैसे जा रहा किसको मतलब।


पर यहाँ सवाल ये उठता है जिन लोगो को ये हॉस्पिटल जाने से रोके है जिन बच्चों को स्कूल जाने से रोके वो भी तब जब कि इस वक़्त स्कूलों में परीक्षाये चल रही हो ऐसे में अगर किसी मरीज को कुछ हो जाता या किसी दूसरे रास्ते से जाने के चक्कर मे किसी बच्चे का परीक्षा छूट जाता है तो क्या बरेका प्रशासन इन गलतियों की जिम्मेदारी लेगा क्या बरेका आरपीएफ कानून से भी ऊपर है जो कानून को तोड़ कर ऐसे कार्यो को अंजाम दे रहा है।आखिर किसने ये अधिकार दिया कि आप किसी को गाड़ी चलाने से रोके जागरूकता के नाम पर ये मनमानी आख़िर क्यो और कहा तक सही है।अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या बारेका प्रसासन इन आरपीएफ के कर्मचारियों के ऊपर एक्शन लेता है कि नहीं।

अब आपको दिखाते है बारेका के आरपीएफ की ड्यूटी करने का तरीका

आपको बताते चले कि मौजूदा समय मे बरेका परिसर में आने के लिए पांच मुख्यद्वार है 1- ककरमत्ता द्वार 2- एफ सीआई द्वार जो कि पूर्वी द्वार से भी जाना जाता है, 3- नाथुपुर गेट 4- पहाड़ी गेट 5- कंदवा गेट

इन पांच द्वार से आप बरेका के अंदर आ सकते है। इसीलिए इनकी सुरक्षा के लिए हर द्वार पर रेलवे पुलिस फ़ोर्स यानी आरपीएफ की डयूटी लगाई जाती है, परंतु आप तस्वीरों में देख सकते है कि रात को 8 बजे ही कंदवा गेट से आरपीएफ गायब है और सुरक्षा के लिए बनाई गई केबिन में ताला लटका हुआ है लगभग 20 मीन तक इन्तेजार करने के बाद भी कोई भी आरपीएफ अपनी ड्यूटी करता नजर नहीं आया, यही नही बल्कि पहाड़ी गेट के पास भी जिस आरपीएफ कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गयीं थी वो अपने  स्थल से गायब हैं। 

जिसको आप तस्वीरों के माध्यम से देख सकते है कि कोई भी आर पी एफ का कर्मचारी आपने स्थल पर मौजूद नहीं है, आपको बता दे कि सुरक्षा के नाम पर पहाड़ी गेट को रात्रि11 बजे बंद कर दिया जाता है और सुबह 5 बजे खोला जाता है जिससे कि उसके आस पास मौजूद बरेका के कर्मचारियों और वहा आस पास रह रहे लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नाम न बताने के शर्त पर कुछ लोगो ने जो कि ब रे का कर्मचारी ही है उन्होंने बताया कि अक्सर इस गेट को समय से पूर्व ही बंद कर दिया जाता है जिससे डयूटी से घर जाने में काफी दिक्कत होती है। क्योंकि जो रास्ते फिर बचते हैं जाने को वो या तो पूरी तरह से अंधकार मय होता है या तो एकदम सुनसान ऐसे में इन रास्तों पर चलना काफी मुश्किल होता है, साथ ही आपको बता दे इन रास्तों पर पहले आरपीएफ की गश्त की डयूटी होती थी परंतु इधर कुछ महीनों से वो भी नदारत होते हैं पता नही क्यों, या तो अब उनकी ड्यूटी नही लगती या तो वो ड्यूटी करते नही अब क्या है मामला ये तो मौजूदा अधिकारी ही जाने परंतु इन सबमे नुकसान तो आम जनता का ही होता है।


बरेका है प्रधानमंत्री की सबसे लोकप्रिय जगह

जी हा बरेका परिसर प्रधानमंत्री का काफी पसंदीदा क्षेत्र है ना सिर्फ वहा की सुंदरता के कारण बल्कि वह सुरक्षा के दृस्टि से भी काफी पसंदीदा क्षेत्र है। ये सब जानते है प्रधानमंत्री मोदी जब भी अपने सांसदीय क्षेत्र बनारस में रात्री रुकते है तो वो सिर्फ बरेका परिसर में मौजूद अधिकारी विश्राम गृह में ही रूकते है। ऐसे में इस तरह की लापरवाही का सामने आना बरेका प्रसासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है। और ये लापरवाही कोई और नही बल्कि बरेका की आर पी एफ की तरफ से देखने को मिलती है जिसकी जिम्मेदारी सुरक्षा की होती है।अब अगर सुरक्षा करने वाले ही गायब है तो आप समझ सकते है कि बरेका की सुरक्षा कितनी मजबूत है।

अब देखने वाली बात ये है कि क्या बरेका प्रसासन के उच्चाधिकारियों इसकी चिंता है भी या नहीं, क्या वो इस लापरवाही के लिए कोई कठोर कदम उठाते है भी या नहीं।

Ktv News  के लिए आशुतोष की रिपोर्ट।







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