वाराणसी में विपक्षी दलों के द्वारा विकास के नाम पर हो रही लूट को लेकर गुरुवार को जनसभा की गई। इसके बाद पीएम के संसदीय कार्यालय तक मार्च निकाला गया। इस दौरान पीएम कार्यालय के पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को रोक दिया तो हंगामा हो गया। नेताओं और पुलिस के बीच काफी कहासुनी हो गई। कांग्रेस और सपा नेता पीएम के संसदीय कार्यालय जाने की जिद पर अड़े रहे।
पुलिस और कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की हुई, और काफी देर तक बहस चलती रही। इसके बाद नेताओं ने एसीपी भेलूपुर को ज्ञापन सौंपा। जनसमस्याएं, मूलभूत सुविधाएं और विकास के नाम पर आमजन के उत्पीड़न की बात कही गई।मार्च व प्रतिरोध सभा में प्रदेश और केंद्र सरकारों के खिलाफ सवालों को उठाने के लिए विपक्ष जुटा हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने ज्ञापन लेकर सभी प्रदर्शनकारियों को भेज दिया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि समूचा इंडी गठबंधन विपक्ष की भूमिका में सक्रिय है। वीवीआईपी शहर के नाम पर काशीवासियों की सुनवाई नहीं हो रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद डबल इंजन वाली सरकार राजनीतिक बदला ले रही है। जनता के अलग-अलग हिस्सों और समूचे राजनीतिक नागरिक विपक्ष को निशाने पर लिया जा रहा है।