महाकुंभ से काशी पहुंचे जगद्गुरु बालक देवाचार्य का मुस्लिम महिलाओं ने किया स्वागत

भारत की महान सांस्कृतिक विरासत महाकुम्भ ने करोड़ों भारतीयों के हृदय में सनातन संस्कृति और परम्परा के प्रति गौरव का बोध कराया है। देश को एक करने के लिए तीनों अमृत स्नान के बाद कई संत प्रेम, दया, करुणा के साथ एकता का पाठ पढ़ाने महाकुम्भ से निकल गए हैं। जगद्गुरु बालक देवाचार्य के महाकुम्भ से काशी आने पर राजा तालाब, हरहुआ, बनियापुर, लमही में पुष्पवर्षा कर बैंड बाजे के साथ स्वागत किया गया। 

जगद्गुरु जब लमही पहुंचे तो सुभाष भवन में रहने वाले वनवासी समाज के बच्चों ने तीर धनुष के साथ जगद्गुरु को प्रणाम किया, दलित समाज की महिलाओं ने हाथों में राम ध्वजा लेकर जगद्गुरु की अगवानी की। मुस्लिम महिलाओं ने आरती कर स्वागत किया। विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे ने महाराज जी की अगवानी की। लमही के सुभाष भवन में पहुँचने पर जगद्गुरु ने सुभाष मन्दिर में पुष्पों का हार पहनाकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आरती की और जय हिन्द का उद्घोष कर एक रहने का संदेश दिया। बाल आजाद हिन्द बटालियन की सेनापति दक्षिता भारतवंशी के नेतृत्व में जगद्गुरु को सलामी दी गयी।

रामपंथ एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में लमही के सुभाष भवन में आयोजित जगद्गुरु चरण वंदन कार्यक्रम में पहुंचे हिंदू और मुस्लिम वर्ग के लोगों ने जगद्गुरु का अभिनंदन किया। नाज़नीन अंसारी, डॉ० नजमा परवीन, खुर्शीदा बानो ने महाराज जी का तिलक और आरती से अभिनंदन किया।


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