३० शाबान की शाम को रमजान उल मुबारक का चांद देखते ही मुस्लिम बंधुओ ने एक दूसरे को मुबारकबाद देते हुए इबादत का आगाज किया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि शहर की सैकड़ों मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की। लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए और सजदे में अपने सर झुका दिए।
दूसरी ओर शिया समुदाय ने अपने शहर की ३२ मस्जिदों में इमामबारगाह में दरगाहों में मजलिस और duakhwani के साथ रमजान उल मुबारक का इस्तेकबाल किया। लोगों ने सेहरी और इफ्तार के लिए खरीदारी की । मुस्लिम बहुल इलाको में देर रात तक चहल पहल देखी गई। हैदर ने बताया कि रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें हर मुसलमान अपने रब की ज्यादा से ज्यादा इबादत करता है। गरीबों और यतीमो की भरसक मदद करता है। आनेवाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो इबादत का जज्बा भी बुलंदियों पर होगा। ये वो पाक महीना है जिसमें पवित्र कुरान भी नाजिल हुआ। इस मौके पर वाराणसी डर्बी शायर क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने रमजान शरीफ के बारे में बताया ।