श्री काशी सत्संग मंडल के तत्वाधान में श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री रामचरितमानस नवाहन परायण ज्ञान महायज्ञ काशी रत्नालंकृत आचार्य श्री सूर्य लाल शास्त्री महाराज के आचार्यतव में कार्यक्रम प्रतिवर्ष अनवरत 67 वर्षों से चला आ रहा है जिसमें देशभर से संत महात्माओं की गरिमामई उपस्थिति होती है। 9 दिनों तक विश्व शांति हेतु अनवरत हवन,महायज्ञ का आयोजन भी होता है। 111 भूदेवों द्वारा मानस पाठ किया जाता है। जिसमें शुक्रवार को माता श्रृंगार गौरी का दर्शन पूजन 11 नारियल अर्पित कर नंदी जी का दर्शन पूजन करने के पश्चात श्री राम कथा का भव्य उद्घाटन स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती एवं महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज के कर कमल द्वारा हुआ।
आचार्य सूर्यलाल मिश्र ने कहा कि यह परंपरा ही नहीं मानवीय आदर्श की संहिता के रूप में रामचरितमानस का परायण और प्रवचन आदि परम ज्ञान प्रकाश हेतु सभी जीवों के कल्याण की कामना से श्री बाबा काशी विश्वनाथ धाम, ज्ञानवापी स्थल जहां जीव को ज्ञान प्रदान कर भवसागर से मुक्ति का उद्देश्य स्वयं अविनाशी शिवजी ने किया है। श्री रामचरितमानस वेदों का, पुराणों का, शास्त्रों व संतों के अनुभव का सार है। श्री राम किंकर जी, स्वामी श्री करपात्री जी महाराज, सतुआ बाबा श्री जमुनादास जी महाराज, काशी के गौरव संत श्री छोटेलाल जी व्यास, शिवनारायण जी ने ऐसे अनेक संतों ने अपनी वाणी को पवन करने हेतु समाज को जागृत करने हेतु नौजवानों को सुमार्ग पर लाने हेतु नौ दिवसीय मानस पर इसी विश्वनाथ मंदिर में उपदेश दिया करते थे। श्री काशी सत्संग मंडल इस परंपरा का निर्वाह व विश्व कल्याण का मार्गदर्शक मानस का परायण, प्रवचन, हवन, माता सिंगार गोरी का दर्शन पूजन व दीपदान आदि होता चला आ रहा है।