शीतला माता के दरबार में पिता-पुत्र की जोड़ी ने यादगार हाजिरी लगाई। कथक नर्तक माताप्रसाद मिश्र एवं उनके पुत्र रुद्रशंकर मिश्र ने पारंपरिक कथक से मातारानी की अर्चना की। वही गायकों में डॉक्टर अमलेश शुक्ला'' अपने सदाबहार भजनों से माता रानी के भक्तों को आनंदित किया।
दशाश्वमेध घाट पर संगीत समारोह की तीसरी निशा में रविवार को पिता-पुत्र की जोड़ी ने शिव स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉ अमलेश शुक्ला ने कई लोकप्रिय भजनों से माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाई। इससे पूर्व कन्हैया दुबे के संयोजन एवं संचालन में तृतीय निशा के कार्यक्रमों का आगाज भरत प्रसन्ना के शहनाई वादन से हुआ। उन्होंने पारंपरिक पचरा की धुन बजाई।
बाल कलाकार प्रियम मिश्रा ने स्वतंत्र तबला वादन किया। बाल कलाकार यथार्थ दुबे ने शिव पंचाक्षर स्तोत्र बक्सर की अर्चना तिवारी अपर्णा मौर्य व्यासजी मौर्य ओम तिवारी ने भजन की प्रस्तुति दी। अन्य कलाकारों में पिंकी मिश्रा सुरेंद्र सिंह आशीष पाठक, अमृत तरुण सिंह ने भी मां के दरबार में हाजिरी लगाई। पं. बलराम मिश्र, सत्यम मिश्रा, नसीम, विशाल, संतोष मौर्य, विवेक, संजय ने संगत किया।