बुलानाला स्थित काशी आर्य समाज मंदिर में स्थापना दिवस संस्था के प्रधान रामाशंकर आर्य की अध्यक्षता में सामूहिक वैदिक यज्ञ संस्था के सदस्यों एवं पदाधिकारियों के द्वारा आहूति दी गई। अचार्य पं० रामदेव शास्त्री ने अपने संदेश में कहा वेदों को सर्वोपरी मानकर वेद विद्या को जन-जन तक पहुँचाकर, हिन्दू धर्म में सुधार के लिए, शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास रखने, छुआ-छुत व जातिगत भेदभाव का विरोध तथा स्त्री व शूद्रो को यज्ञोपवित धारण करने, वेद पढ़ने का अधिकार दिये जाने के लिये महर्षि दयानन्द सरस्वती जी द्वारा आर्य समाज की स्थापना हुई।
काशी आर्य समाज की स्थापना 15 अप्रैल 1880 को महर्षि स्वामी दयानन्द ने काशी में अपने कर कमलो द्वारा किया उक्त बाते संस्था की मंत्री सरस्वती देवी ने अपने वक्तव्य ने कहा महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती का स्त्री जाति के लिए बहुत बड़ा उपकार भुलाया नहीं जा सकता।कार्यक्रम में वैभव कुमार, अजीत कुमार आर्य, संदीप पाण्डेय, प्रखर जायसवाल, मनिष कुमार, आदि लोग शामिल रहे।