बाबा भोले की नगरी में स्थित राम रमापति बैंक में प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव की धूम रही। इस वर्ष 98वा वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर रात्रि में प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप की झांकी सजाई गई सर्वप्रथम प्रभु को पंचामृत स्नान कराया गया इसके बाद नूतन वस्त्र आभूषण धारण करते हुए बाल स्वरूप में प्रभु की अद्भुत झांकी सजाई गई इसके पश्चात प्रभु श्री राम को पालने में विराजमान किया गया और उन्हें विविध प्रकार के भोग अर्पित किए गए प्रभु की इस अद्भुत झांकी का दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ रहे रात्रि में राम रमापति बैंक प्रभु श्री राम के जयकारों से गूंजता रहा प्रभु का जन्म होते ही घंटे घड़ियाल शंकर की ध्वनि गूंज उठी और हर किसी ने एक स्वर में जय श्री राम का उद्घोष किया।
दशाश्वमेध त्रिपुरा भैरवी इलाके में 1926 में स्वर्गीय दास छन्नूलाल द्वारा स्थापित राम रमापति बैंक है। आम बैंकों की तरह यहां भी लोन मिलता है। जिसमें भक्त के रूप में उपभोक्ता अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लेते हैं। उस कर्ज की अदा भी करते हैं, बदले में उन्हें उनकी मनोकामना पूर्ण होने का फल मिलता होता है।
यह बैंक एक ऐसा बैंक है जो किसी भी प्रकार के मौद्रिक लेनदेन को स्वीकार नहीं करता है। इसके बजाय, इस बैंक में खाता धारक एक खास तरह की लाल स्याही से "राम-राम" लिखकर बैंक में जमा करते हैं। बैंक "राम-राम" लिखे कागज के पन्नों को गुणों की जमा राशि मानता है। माना जाता है कि इस बैंक के खाता धारक अपने द्वारा कमाए गए ब्याज से जन्म और मृत्यु के चक्र से आराम और मुक्ति पाते हैं।