श्री हनुमत् सेवा समिति नेवादा द्वारा श्री हनुमान ध्वजा यात्रा अपने स्थापना के 22 वें वर्ष विराट जनसमूह के साथ निकाली गई। 11 बटुको द्वारा षोड़शोचार पूजन और आरती को संपन्न कराया गया । "जय श्रीराम और हर हर महादेव" के गगनभेदी उदघोष के साथ 100 से ज्यादा डमरूओं की ध्वनि से गुंजायमान वातावरण भक्तों में अद्भुत चेतना का संचार कर रहा था। इसके उपरांत मुख्य ध्वजा नेवादा स्थित मुख्य कार्यालय पहुँचा, जहां से पुनः मुख्य ध्वजा और 40 फिट लम्बे रथ पर विराजमान "राम दरबार" के झांकी की मुख्य अतिथियों द्वारा आरती उतारे जाने के बाद हनुमान ध्वजा यात्रा श्री संकट मोचन दरबार के लिए प्रस्थान की ।
यात्रा में एक नहीं ढेरों आकर्षण के केंद्र थे। जन्मोत्सव को यादगार बनाने के लिए भक्तों के हाथों में लहराती लाल-केशरिया ध्वजाएँ, मुख से जय श्रीराम के गगनभेदी उदघोष, राम नाम संकीर्तन करता कीर्तन मण्डलियों का समूह, साथ ही 2200 भक्तों के हाथ में भगवान बजरंगबली की पहचान छोटे बड़े "गदा" हनुमान भक्तों का अपने आराध्य के जन्मोत्सव पर उनके प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण दिखा । हनुमान ध्वजायात्रा में 7 राज्य संग पूर्वांचल भर के 20,000 से अधिक श्रद्धालु हाथों में ध्वज के साथ शामिल हुए, जो विश्व कल्याणार्थ संकट मोचन हनुमान जी के चरणों में अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। श्री हनुमत् सेवा समिति की तरफ से भक्तों के लिए 1001 किलोग्राम लड्डू का भोग प्रसाद को भक्तों में वितरित किया गया। इस यात्रा की अगुवाई शहर के संत और महंत, बैरागी और दंडी स्वामी, वैष्णो और शैव संप्रदाय के धार्मिकजन के साथ काशी के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट जन ने किया।यात्रा में प्रमुख्य रूप से अध्यक्ष रामबली मौर्य, कोषाध्यक्ष अजय मौर्य, संरक्षक डा. सन्तोष ओझा, त्रिभुवन मौर्य,संकटमोचन मौर्य, तारकेश्वर नाथ कुशवाहा, ओमप्रकाश वर्मा, अशोक गुप्ता, बबलू सिंह , रामदयाल प्रजापति इत्यादि लोग अस्तित्व रहे।