तहसील पिण्डरा में उपजिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी (न्यायिक) की कार्यप्रणाली को लेकर अधिवक्ताओं में जबरदस्त आक्रोश है। अधिवक्ताओं का आरोप है कि उपरोक्त अधिकारीगण विधिक प्रक्रियाओं को दरकिनार कर मनमाने ढंग से पत्रावलियों का निस्तारण कर रहे हैं।बार संघ के अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि कई मामलों में बिना किसी सुनवाई के आदेश पारित कर दिए जाते हैं और संबंधित अधिवक्ताओं को इसकी कोई जानकारी तक नहीं होती। आदेश पारित होने के महीनों बाद पत्रावलियाँ वापस आती हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।
अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसील में प्रभाव और दबाव में आकर कार्य किए जा रहे हैं, और संबंधित अधिकारीगण पूरी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्य कर रहे हैं। कई पत्रावलियाँ न्यायालय में लम्बे समय से लंबित हैं या फिर उपलब्ध ही नहीं हैं।बार संघ द्वारा इस विषय पर कई बार बैठकें कर विरोध प्रकट किया गया, लेकिन केवल आश्वासन के सिवा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे अधिवक्ताओं में भारी क्षोभ व्याप्त है।अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौप कर मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पिण्डरा तहसील के उपजिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी (न्यायिक) का स्थानांतरण किया जाए।