तुर्की, पाकिस्तान एवं चीन के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने किया प्रदर्शन


प्रणाम् वन्देमातरम् समिति द्वारा गीता मंदिर गेट, नई सड़क पर एक विशेष विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम देश और सेना के सम्मान एवं समर्थन में आयोजित किया गया,जिसमें बड़ी संख्या में देशभक्त नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर पाकिस्तान,चीन,तुर्की, अज़रबैजान का प्रतीक पुतला दहन किया गया। और उनके मुर्दाबाद के नारे लगाए गए देशभक्तों के भारत माता की जय जय,व वंदे मातरम से पूरा वातावरण गूंज उठा।

इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य तुर्की, पाकिस्तान और चीन द्वारा भारत के खिलाफ अपनाए गए विरोधी रुख और आतंकी संगठनों को परोक्ष समर्थन देने के विरोध में एक सशक्त संदेश देना था।कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष अनूप जायसवाल वह सोमनाथ विश्वकर्मा ने अपनी प्रमुख बातें रखें। प्रदर्शन के दौरान यह भी उल्लेख किया गया कि भारत ने हमेशा पहले सहयोग का हाथ बढ़ाया है भूकंप के समय तुर्की को आपरेशन दोस्त के रूप में इतना सहयोग किया की वहां के नागरिक भारतीय सेना के बीना तिवारी जी का माथा चूम रही थी लेकिन तुर्की ने एहसान फरामोश के रूप में दुनिया भर में अपना चरित्र दिखाया।उदयपुर के मार्बल व्यापारी और कई ट्रैवल कंपनियां पहले ही तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर चुकी हैं। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश यादव , शंकर जायसवाल,धन्यवाद धीरेंद्र शर्मा,मनीष चौरसिया,ने किया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सुजीत गुप्ता,शंकर जायसवाल,प्रदीप जायसवाल, सिद्धनाथ गौड़ अलगू,विजय कृष्ण गुप्ता पूर्व पार्षद आदि लोगों उपस्थित थे।

विशाल भारत संस्थान द्वारा लमही के नेताजी सुभाष मन्दिर से तुर्किये और पाकिस्तान की शव यात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या में जुटे मुस्लिमों ने पाकिस्तान और तुर्किये मुर्दाबाद के नारे लगाए। शव लेकर चल रहे अफरोज पाण्डेय, अफसर बाबा, नौशाद दूबे, शहाबुद्दीन तिवारी, लियाकत अली ने कहा कि आतंकवादियों का साथ देने वाले देश की आत्मा मर चुकी है, इसलिए इनकी शव यात्रा निकाली जा रही है। 

इस अवसर पर विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव ने कहा कि जिस तुर्की के लोगों के जीवन को बचाने के लिए भारत ने दवा और अनाज भेजा, वही तुर्की पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को तबाह करना चाहता है। ऐसे तुर्की से किसी तरह का कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते। पाकिस्तान और तुर्की दोनों आतंकियों के मददगार है। इनका पूर्ण बहिष्कार होना चाहिए। अब नागरिकों ने पूर्ण बहिष्कार का फैसला किया है।

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