कबीरपंथ की परंपरा से जुड़ा कबीर मठ एक बार फिर विवादों में है। मठ के महंत विवेक दास और उनके शिष्य प्रमोद दास के खिलाफ अब 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी का संगीन मामला दर्ज हुआ है। यह कार्रवाई जौनपुर जिले के मड़ियाहूं निवासी संतोष कुमार मिश्रा की शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद हुई है।संतोष कुमार मिश्रा, जो कि वर्षों से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और कबीर मठ से गहराई से जुड़े रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्होंने वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के कादीपुर में स्थित मठ की 10 दुकानों और कमरों को तीन वर्षों के लिए 10 लाख रुपए में लीज पर लिया था।महंत विवेक दास ने खुद को उक्त संपत्ति का मालिक बताते हुए खतौनी और पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज भी दिखाए थे। लीज डीड 23 सितंबर 2024 को करवाई गई, जिसमें अतिरिक्त ₹50,000 भी लिए गए।
संतोष का दावा है कि 19 मई 2025 को जब वे मरम्मत का काम शुरू करवाने पहुंचे, तभी दो लोग - विकास अग्रवाल और प्रदीप सोनकर - वहां पहुंचे और काम रुकवा दिया। उन्होंने दावा किया कि यही कमरे और दुकानें उन्हें पहले ही 1 मार्च 2024 को नोटरियल डीड के माध्यम से शिष्य प्रमोद दास द्वारा लीज पर दी जा चुकी हैं।इस दोहरे लीज के खुलासे के बाद संतोष ने जब महंत विवेक दास से बात की तो उन्होंने जवाब दिया -"आपको रजिस्टर्ड डीड की गई है, उनकी नोटरियल डीड मान्य नहीं है, आप काम जारी रखें।"लेकिन संतोष ने काम रोककर मामले की सच्चाई खंगालनी शुरू की और पाया कि यह कोई पहली बार की धोखाधड़ी नहीं है।जब संतोष ने अपने पैसे वापस मांगे तो शिष्य प्रमोद दास ने जान से मारने की धमकी दी। इस पर संतोष ने शिवपुर थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की।इसके बाद उन्होंने 24 मई को कमिश्नर कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया, पर वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और कोर्ट के आदेश पर 30 मई 2025 को FIR दर्ज हुई।शिवपुर थानाध्यक्ष राजू कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा:"कोर्ट के निर्देश पर विवेक दास और प्रमोद दास पर मुकदमा दर्ज किया गया है, जांच जारी है।"यह कोई पहला मामला नहीं है जब कबीर मठ के महंत विवेक दास विवादों में आए हों।मई 2024 में एक महिला से अश्लीलता के आरोप में उन्हें कोर्ट ने जेल भेजा था।यह मामला 2022 से लंबित था, जिसमें पीड़िता ने विवेक दास पर अश्लील टिप्पणी और उत्पीड़न के संगीन आरोप लगाए थे।SC/ST कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार पंचम की पीठ ने इस मामले में विवेक दास की अग्रिम जमानत को खारिज कर उन्हें जेल भेजा था।