नवांकुर नाट्य एवं संगीत कार्यशाला के प्रतिभागियों ने नागरी नाटक मंडली में भारतीय संस्कृति के दर्शन कराए।दिग्गज कलाकारों के मार्गदर्शन में एक माह से अधिक समय तक मिले प्रशिक्षण ने करीब दो सौ प्रतिभागियों की प्रतिभा को निखार दिया। प्रतिभा प्रदर्शन की शुरुआत कथक नृत्य शैली में रास से हुई।
विशाल कृष्ण के मार्गदर्शन में जूनियर और सीनियर वर्ग के 38 कलाकारों ने दर्शकों को आनंदित किया। इसके बाद लोकगीतों की प्रस्तुति हुई। इन कलाकारों को विदुषी सुचरिता गुप्ता ने प्रशिक्षण दिया। प्रस्तुतियों का सिलसिला शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम से पूर्ण हुआ। नृत्यांगना डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रतिभागियों ने कालिया मर्दन के प्रसंग को जीवंतता प्रदान की। इस दौरान पं. अमिताभं भट्टाचार्य, डॉ. रतिशंकर त्रिपाठी, डॉ. संजय मेहता, डॉ. अजीत सेगल, डॉ. बेला सैगल, डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी उपस्थित रहे।