वाराणसी का प्रसिद्ध बाज़ार दालमंडी एक बार फिर विवादों में घिर गया है। चौड़ीकरण की योजना को लेकर मोहम्मद यासीन ने खुला विरोध जताते हुए पीडब्ल्यूडी, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को नोटिस भेजा है।प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए यासीन ने इसे मजहबी स्थलों के अस्तित्व से छेड़छाड़ और स्थानीय लोगों को उजाड़ने की साजिश करार दिया है।वाराणसी के दिल दालमंडी में एक बार फिर सियासी और धार्मिक सरगर्मी तेज़ हो गई है।चौड़ीकरण परियोजना के तहत जब प्रशासन ने नपाई की कार्यवाही शुरू की, तो इस पर आपत्ति जताते हुए मोहम्मद यासीन ने स्पष्ट शब्दों में कहा "दालमंडी मार्ग पर स्थित लगभग 6 प्राचीन मस्जिदों में से 'मस्जिद लंगड़े हाफिज' की जिम्मेदारी हमारी है। लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना के वहां नपाई की गई।
यह पूरी कार्यवाही एकपक्षीय और असंवेदनशील है।"उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्थिति में मस्जिद से कोई समझौता नहीं होगा।यासीन का आरोप है कि —"यह विकास नहीं बल्कि सुनियोजित विनाश है। जिन लोगों के घर-दुकान पीढ़ियों से यहां हैं, उन्हें उजाड़ा जा रहा है।"उन्होंने दावा किया कि दालमंडी की ही एक अन्य मस्जिद को लेकर कोर्ट का स्टे ऑर्डर भी मौजूद है।और यह भी कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो वे इस मामले को हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।उनका सवाल था कि मंदिर जाने के कई वैकल्पिक मार्ग मौजूद हैं, फिर दालमंडी को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?"