प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की सड़कों पर बिजली कर्मचारियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।हाथों में तख्तियां, नारों में गूंज और चेहरों पर चेतावनी लेकर उतरे ये कर्मचारी सिर्फ अपनी नौकरी नहीं, जनता के अधिकारों के लिए लड़ते दिखाई दिए।बिजली बिकेगी नहीं संघर्ष झुकेगा नहीं यही नारा आज पूरे देश में गूंजा।देशभर में 25 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारियों ने लिया हड़ताल में हिस्सा।बनारस, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर से लेकर झांसी, गोरखपुर और मेरठ तक हर शहर में बिजलीकर्मी एकजुट नजर आए।
संघर्ष समिति के मीडिया सचिव अंकुर पांडेय ने सरकार से तीखा सवाल पूछा अगर बिजली व्यवस्था 2012 से 2024 तक इतनी सुधर चुकी है, तो फिर निजी कंपनियों की ज़रूरत क्यों है?कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार नहीं चेती, तो यह विरोध निर्णायक संघर्ष में बदल जाएगा और फिर "बत्ती गुल" होगी, पर आंदोलन और तेज़।इस विरोध को समर्थन मिला रेलवे, बैंक, एलआईसी, किसान संगठनों और अन्य केंद्रीय कर्मचारियों से भी।कर्मचारियों ने कहा हमने बिना निजी कंपनियों के भी रोशन किया है उत्तर प्रदेश, अब हमारे हाथ बांधने की साज़िश क्यों