21 जुलाई 2025 – उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर के 5000 प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने और बंद करने के प्रस्ताव के खिलाफ काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कड़ा विरोध दर्ज कराया। इससे पूर्व चंदौली जनपद में समाजवादी छात्र सभा के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था, जिसमें छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों ने हस्ताक्षर कर विरोध जताया था। आज BHU में हुए संवाद में छात्रों ने सरकार से गरीब, वंचित और कमजोर तबके के बच्चों की शिक्षा पर मंडराते संकट को दूर करने की मांग की। BHU के शोध छात्र रंजीत यादव ने कहा, “प्रदेश सरकार 5000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने जा रही है, जिससे करीब 3.5 लाख गरीब और ग्रामीण छात्र प्रभावित होंगे। यह फैसला सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका सीधा असर अनुसूचित जाति, जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि विद्यालयों का मर्जर केवल आंकड़ों में सुधार दिखाने की कोशिश है,
जबकि वास्तविकता में यह बच्चों की शिक्षा तक पहुंच को सीमित कर देगा। “सरकार को ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे समाज का कमजोर तबका और भी पिछड़ जाए,” रंजीत यादव ने जोड़ा। इस मौके पर वरिष्ठ समाजवादी नेता हरदेव कुशवाहा, छात्र नेता नीतीश यादव, डॉ. आलोक रंजन, और गीतांजलि कुशवाहा समेत कई छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।छात्रों ने सरकार से अपील की कि जनहित में निर्णय लिया जाए और शिक्षा के अधिकार को कमजोर करने वाले किसी भी कदम से बचा जाए। साथ ही जरूरतमंद क्षेत्रों में स्कूलों को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जाए।