ग्रामीण बैंकों के निजीकरण के विरोध में भारतीय मजदूर संघ (BMS) के नेतृत्व में पूरे देश में ग्रामीण बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में वाराणसी में उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन और उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक अधिकारी संगठन के बैनर तले प्रदर्शन किया गया।प्रदर्शन का नेतृत्व BMS के संतोष कुमार सिंह (अध्यक्ष) ने किया।
कर्मचारियों ने वित्तीय सेवा विभाग, भारत सरकार के नाम एक संयुक्त ज्ञापन क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा और अपनी प्रमुख मांगों को लेकर विरोध जताया।कर्मचारियों का कहना है कि वे गाँवों के विकास के लिए समर्पित हैं और ग्रामीण बैंकों को निजी हाथों में सौंपना सामाजिक और आर्थिक रूप से घातक होगा।
प्रमुख मांगे इस प्रकार रहीं:
1. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का सार्वजनिक और ग्रामीण स्वरूप सुरक्षित रखा जाए।
2. स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता लाई जाए।
3. समान कार्य के लिए समान वेतन की तर्ज पर राष्ट्रीयकृत बैंकों जैसी सुविधाएं दी जाएं।
4. 12वां BPS व 9वां संयुक्त नोट पूर्ण रूप से लागू हो।
5. पर्याप्त नई भर्तियां और न्यायसंगत प्रोन्नति व्यवस्था हो।
6. सप्ताह में 5 दिन बैंकिंग लागू की जाए।
7. पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए।
प्रदर्शन में BMS के उपाध्यक्ष दूधनाथ राम, सुनील कुमार, प्रमोद दुबे, अम्बरीष राय (राष्ट्रीय सचिव), विकास गर्ग (जोनल प्रेसिडेंट), गंगाधर कुशवाहा (उप महामंत्री), जसू चौधरी (महामंत्री) सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे।