शहर के कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण कार्य 68 महीनों बाद भी अधर में लटका है, जिससे स्थानीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रोजेक्ट सितंबर 2019 में शुरू हुआ था और जून 2022 तक पूरा होना था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और विभागीय अड़चनों के चलते अभी तक पूरा नहीं हो सका। इस अधूरे पुल के कारण चौकाघाट, अंधरापुल और नक्खीघाट जैसे व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक जाम बढ़ता जा रहा है। रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से लोगों का आवागमन बाधित है और छोटे व्यवसायों पर बुरा असर पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किशन दीक्षित ने प्रभावित इलाके का दौरा किया और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। बारिश के मौसम में जलभराव और सीवर की दुर्गंध ने लोगों की सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया है।शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया,
जिससे लोगों में नाराजगी है।किशन दीक्षित ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर धरना दिया और चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी। इस धरने में मुकेश कुमार सोनी, शिव कुमार सोनकर, बंटू कुमार सोनकर, अजीत जायसवाल, टंडन सेठ, रामसेवक सोनकर, अनिल कुमार केसरी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।अब तक इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन तीन बार बढ़ाई जा चुकी है – जून 2022 से लेकर अब जून 2025 तक, लेकिन कार्य की गति बेहद धीमी है। जनता सवाल कर रही है कि आखिर कब तक उन्हें इस बदहाली का सामना करना पड़ेगा?